धर्म संस्कृति

विंध्य दरबार मे पाचवे दिन रही भक्तो की भीड अपार

 ब्यूरो रिपोर्ट,  मिर्जापुर। 
चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन गुरुवार को विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी के दरबार में  भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा  मां के जयकारों और उद्घोष के साथ प्रदेश और देश के विभिन्न प्रदेशों से हाय लाखों भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के चरणों में मत्था टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया और मन्नतें मांगी गुरुवार को मंगला आरती से पूर्व ही मां के दरबार में हजारों भक्तों का रेला पहुंच चुका था विंध्याचल की सातों गलियों में भक्तों का हुजूम कतारबद्ध होकर मां के दरबार में पहुंचकर एक झलक पाने को बेताब नजर आया उषा काल में प्रधान सिंगारिया द्वारा मंगला आरती के लिए मां का पर जैसे ही खुला भक्तों ने बोल सांचे दरबार की जय और जय माता दी का उदघोष करते रहे। आरती होने के तुरंत बाद भकत उमड पडे। गुरूवार को देर शाम तक चार लाख से अधिक भकतो ने मा के दरबार मे हाजिरी लगाई और मननते मागी।
अष्टभुजा की पहाड़ी पर घरौंदा बनाने से मकान बनने की मन्नत होती है पूरी
अष्टभुजा की पहाड़ी पर इन दिनों पत्थर नहीं मिल रहे हैं कि लोग छोटा सा घरौंदा बना सकें। ऐसे में लोग पहले बने घरौंदों के टूटे पत्थरों से नया घरौंदा बना रहे हैं। मान्यता है कि जो लोग नवरात्र में अष्टभुजा पहाड़ पर पत्थरों को जोड़ कर घरौंदा बनाते हैं, उनके मकान बनने की मन्नत अवश्य पूरी होती है। अष्टभुजा पहाड़ अपने आप में सिद्धि स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि यहां आकर गलत काम करने वाले का निश्चित तौर पर नुकसान होता है। अच्छी सोच और पवित्र मन से मांगी गई मुराद अवश्य पूरी होती है। वर्षों से यहां नवरात्र में पहुंच कर मां के भक्त पहाड़ के पत्थरों से घरौंदे बनाते हैं। यहां पत्थर से घर बनाने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं और अपने सपनों का घर मां के आशीर्वाद से प्राप्त करते हैं। जिन लोगों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है, वे अपने सगे संबंधियों को लेकर नवरात्र में यहां पहुंचते हैं और उनसे भी घरौंदे बनवाते हैं। इन दिनों यहां थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हजारों घरौंदे बने दिख जाएंगे। कोलकाता से आये अशोक कुमार ने बताया कि किसी से सुना था कि यहां नवरात्र में घरौंदा बनाने से मकान की अभिलाषा पूरी होती है इसलिए मां के धाम में आया हूं।  बिहार के ककड बाग कालोनी पटना से आए ररमाकांत पांडेय का कहना है कि अष्टभुजा पहाड़ की मान्यता को आजमाया तो नहीं जा सकता है लेकिन मां के आशीर्वाद से लाभान्वित जरूर हुआ जा सकता है। मकान की कामना से यहां घरौंदा बना रहा हूं। उम्मीद है मकान बनाने का सपना पूरा होगा।
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