0 तहसील की नोटिस वापस कराने में पूर्व सांसद को छूटा पसीना
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर(मडिहान)।
मड़िहान तहसील क्षेत्र के पटेहरा गांव स्थित सड़क किनारे ग्राम सभा की बेशकीमती जमीन पर तहसील टीम द्वारा सीमांकन के बाद अनाधिकार कब्ज़ा करने के आरोप में सत्ताधारी सफेदपोश समेत दो लोगों को तहसील से नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई थी। यह खबर प्रमुखता से छपने के बाद सोमवार को विधायक के पिता एवं पूर्व सांसद ने दस रुपये के स्टाम्प पर शपथ पत्र तहसीलदार को दिया। शपथ पत्र में बयान लिखा गया है कि एक सप्ताह के अंदर गांव सभा की जमीन से कब्ज़ा स्वयं ही हटा लेंगें।
बतातें चलें कि ग्राम समाज की उक्त जमीन पर कब्जा करने की होड़ में दो पक्षों में विवाद चल रहा था। ग्रामसभा की इस वेशकिमती जमीन से कब्ज़ा हटाने के लिए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आशीष यादव के हस्तक्षेप पर जिला प्रशासन की निद्रा टूटी और विवादित जमीन का सीमांकन करने के लिए जिला प्रशसन द्वारा शनिवार को तहसीलदार के नेतृत्व में आधा दर्जन लेखपाल समेत राजस्व निरीक्षक की टीम गठित की गयी। शनिवार को तहसीलदार रामजीत मौर्य की टीम द्वारा पटेहरा स्थित विवादित जमीन का सीमांकन किया गया था। सीमांकन के दौरान विधायक का निर्माणाधीन मकान का कुछ हिस्सा ग्राम सभा की जमीन में आ गया। ऐसे मे क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार ने दो लोगों को नोटिस जारी कर दिया था। रविवार को बंदी के बाद सोमवार को जब तहसील खुला तो विधायक के पिता पूर्व सांसद तहसील पहुचे और दस रूपये के स्टाम्प पर शपथ पत्र देकर स्वतः कब्जा हटाने का शपथ-पत्र दिया और नोटिस वापस लेने की वकालत की।
बतातें चलें कि ग्राम समाज की उक्त जमीन पर कब्जा करने की होड़ में दो पक्षों में विवाद चल रहा था। ग्रामसभा की इस वेशकिमती जमीन से कब्ज़ा हटाने के लिए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आशीष यादव के हस्तक्षेप पर जिला प्रशासन की निद्रा टूटी और विवादित जमीन का सीमांकन करने के लिए जिला प्रशसन द्वारा शनिवार को तहसीलदार के नेतृत्व में आधा दर्जन लेखपाल समेत राजस्व निरीक्षक की टीम गठित की गयी। शनिवार को तहसीलदार रामजीत मौर्य की टीम द्वारा पटेहरा स्थित विवादित जमीन का सीमांकन किया गया था। सीमांकन के दौरान विधायक का निर्माणाधीन मकान का कुछ हिस्सा ग्राम सभा की जमीन में आ गया। ऐसे मे क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार ने दो लोगों को नोटिस जारी कर दिया था। रविवार को बंदी के बाद सोमवार को जब तहसील खुला तो विधायक के पिता पूर्व सांसद तहसील पहुचे और दस रूपये के स्टाम्प पर शपथ पत्र देकर स्वतः कब्जा हटाने का शपथ-पत्र दिया और नोटिस वापस लेने की वकालत की।