0 डिपो मालिक परिवार कालाबाजारी में संलिप्त
0 जिला पूर्ति अधिकारी और गिरफ्तार व्यक्तियों के कबूलनामे मे है फर्क
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा)।
अहरौरा थाना अन्तर्गत महुली चौमुहानी पर एक बुलरो यूपी 65 टी 6406 माल वाहक पर छ ड्रम लदे थे जिसमें लगभग बारह सौ लीटर केरोसिन थे। अहरौरा पुलिस ने गाड़ी को जांच के लिए रोका और गाड़ी तथा लोडिंग सम्बन्धित कागजात मांगे। लेकिन उचित और संतोषजनक कोई भी कागजात नहीं थे लिहाजा पुलिस गाड़ी कब्जे में ले सीज कर दिया। वाहन में बैठे दो व्यक्तियों को पुलिस शक के दायरे में रखकर इनके नाम पते नोट कर लिया और जिला आपूर्ति विभाग को जब मिट्टी के तेल लदे होने अहरौरा पुलिस ने जानकारी दी तो आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पूरा मामला सरकारी केरोसिन के कालाबाजारी का निकला।
यह घटना अट्ठाइस सितम्बर की है। पुलिस अब इन आरोपियों के खिलाफ मु अ सं 314 /17 धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम पंजीकृत कर जांच के साथ ही साथ मुखबिरी करानी शुरू कर दी। मुखबिर की सटीक सूचना मिली कि आज राजन सोनकर पुत्र कन्हैया निवासी मिल्कीपुर थाना मिर्जामुराद वाराणसी और मिथुन कुमार उर्फ गोलू पुत्र रामबली निवासी बाबूसराय थाना औराई जनपद भदोही फिर से भण्डारी देवी मोड़ की तरफ तड़के सुबह आये है जो उस जब्त बुलरो में थे। थाना प्रभारी के नेतृत्व में एस एस आई केदार कुशवाहा, एस आई सतीश सिंह, चौकी प्रभारी कमलेश पाल, कां वकील प्रसाद, अजीत कुमार मौके पर पहुंचे जहां से इनकी गिरफ्तारी की गयी।
इनसे पूछताछ और आपूर्ति अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार आर के बी के सरकारी ऐजेन्सी के परिवार का व्यक्ति बिन्दु चौधरी पुत्र स्व टेक चन्द्र निवासी गोला कन्हैया लाल की संलिप्तता स्पष्ट हुई और वह भी इन दिनों के पास वहीं था सो पुलिस उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार इन तीनों अभियुक्तों ने सरकारी केरोसिन की कालाबाजारी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है।
इस खुलासे के बाद समाज का हर वर्ग अवाक है क्योंकि सरकारी मिट्टी के तेल डिपो मालिक ही कालाबाजारी से जुड़ा है। हाय रे पैसे की हवस! कमी कुछ न था लेकिन गरीबों का हक मारने वाला निकला। सूत्रों के मुताबिक बड़े पैमाने पर सरकारी केरोसिन, चावल और गेहूं की कालाबाजारी होती है लेकिन पुलिस के हाथ आपूर्ति विभाग के बड़े अधिकारीयों ने बांध दिये हैं क्योंकि जितनी बार इस अवैध धंधे पर पुलिस हाथ डालती है उतनी बार आपूर्ति विभाग अपने कबूतर उड़ा कर ले जाती है। मगर अहरौरा थाना सिंघम से कुछ कम नहीं।
सूत्रों की मानें तो एक हास्यास्पद घटना जब घटी जब डिपो मालिक के परिवार से गिरफ्तार बिंदु चौधरी कालाबाजारी का केरोसिन अपने डिपो का बताया जबकि आपूर्ति अधिकारी यह सिद्ध करने में परेशान हैं कि यह केरोसिन इस डिपो की नहीं है। आखिर केरोसीन अलग अलग डिपो का है इसकी जानकारी का मानक क्या है? इस पर भी जानकारी अजीबोगरीब है कि इसका फैसला कलम करता है।