विन्ध्य न्यूज ब्यूरो।
इंजीनियरिंग कॉलेज सहित देश भर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के तहत बढ़ा हुआ वेतन देने के लिए मंजूरी दे दी है। सरकार ने इस हेतु 1241 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए है। तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की यह मांग काफी समय से लंबित थी।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को इसे मंजूरी दिए जाने की जानकारी की। बताया कि इसका सीधा लाभ सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने वाले करीब 29264 शिक्षकों को मिलेगा। इसके अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के दायरे में आने वाले निजी संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी इसका अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों के गैर-एकेडमिक स्टाफ को सरकार ने पहले ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने की मंजूरी दे दी है।
कुछ राज्य अपने यहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद राज्य सरकार के खजाने पर 21 हजार करोड़ रुपये का अतरिक्त भार आएगा। इस फैसले से तकरीबन राज्य के 17 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा।
इसके साथ ही यूपी सरकार ने भी राजधानी लखनऊ के नगर निगम कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने 2019 के पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों को उनकी पेंशन को प्रशासन ने लगभग तीन गुना तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। दरअसल, इन सेवानिवृत कर्मियों को अब 7वां वेतन आयोग के हिसाब से पेंशन मिल सकेगी। बतादें कि पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को लगभग 3500 रुपये पेंशन के तौर पर मिल रहे थे। जबकि 7वां वेतन आयोग के तहत पेंशन दिए जाने के निर्णय के बाद से इन कर्मचारियों को अब 9000 रुपये पेंशन मिल सकेगी।