0 क्षतिग्रस्त फसल के आंकलन में पूरी ईमानदारी नहीं बरती जा रही है: अनुप्रिया पटेल
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बाढ़ एवं ओला वृष्टि की वजह से क्षतिग्रस्त फसलों का मामला प्रमुखता से उठाया। श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि फसल का उचित मुआवजा कटाई के दो महीने के अंदर किसान को जरूर मिल जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या किसानों को समय से क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा मिल रहा है।
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने 2018 में बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया कि प्रत्येक मौसम में प्राप्त कुल प्रीमियम का 0.5 परसेंट हिस्सा विज्ञापन एवं किसानों को जागरूक करने में किया जाए। उन्होंने बीमा कंपनियों द्वारा विज्ञापन एवं जागरूकता के लिए खर्च की जा रही धनराशि की जानकारी देने का अनुरोध किया।
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सीएजी ने जांच में पाया कि बीमा कवरेज के अंतर्गत कर्ज न लेने वाले किसानों की संख्या बहुत कम है, सीएजी ने इस बाबत निर्देश दिया है कि कर्ज न लेने वाले किसानों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सवाल किया कि बीमा कवरेज मामले में वर्तमान स्थिति क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी फसल क्षतिग्रस्त का आंकलन के लिए पूरी ईमानदारी नहीं बरती जा रही है। श्रीमती पटेल ने यह भी सवाल किया कि क्या फसल बीमा के लंबित दावों का त्वरित गति से निपटारा किया जा रहा है। इस बाबत गाइडलाइंस का पालन हो रहा है या नहीं?
श्रीमती पटेल ने कहा कि इस साल उत्तर प्रदेश में जून 2019 से नवंबर 2019 के दौरान बाढ़ एवं मूसलाधार बारिश व अन्य मौसमी समस्याओं की वजह से 8.88 लाख हेक्टेयर और पूरे देश में 63.99 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र क्षतिग्रस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा जल्द से जल्द मिल जाना चाहिए।