विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दूसरे दिन वृंदावन धाम से पधारे भागवत कथा वाचक विष्णु जी महाराज ने कहाकि भागवत कथा का श्रवण करने वाले व्यक्ति को जीवन में मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है। यह कथा मानव मात्र को न सिर्फ भगवान के प्रति भाव, भक्ति, अद्भुत ज्ञान बल्कि वैराग्य और मोक्ष को भी प्रदान करता है।
भगवान की माया हर एक जीव को अपने बंधन में बांध देती है और जीव माया में बंध जाता है। माया महा ठगनी हम जानी अर्थात जो माया है, वह जीव को इस कदर बाध रखती है कि वह भगवान का भजन कर ही न पाए। ऐसे में भागवत कथा का आयोजन किया जाता है ताकि मानव मात्र की लगन और डोर उस परमात्मा से लगाई जा सके।
भागवत कथा का श्रवण परमात्मा प्राप्ति का, मोक्ष का, ज्ञान प्राप्ति का, भक्ति और भाव बढ़ाने का एकमात्र साधन है। संसार में कोई व्यक्ति भगवान से जब सच्चे मन से लगाव करेगा तो निश्चित रूप से उसका भला होगा। उन्होंने कहाकि गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है सुर नर मुनि सब की यही रीति, स्वारथ लाहि करहिं सब प्रीती। अर्थात चराचर जगत में बिना स्वार्थ के कोई भी कुछ नहीं करता है। अतः भगवान कि कृपा पाने के लिए स्वार्थ का परित्याग करना जरूरी है।
उन्होंने सती के विभिन्न रूपों का विस्तार से कथा श्रवण कराते हुए बताया कि शिव और शक्ति के अलावा जगत में और कुछ भी नहीं है। अमर कथा का श्रवण करने वाले को आना जाना पड़ता है। देवी ने पूरे कैलाश पर्वत पर भ्रमण किया और देखा कि वहां कोई नहीं तो देवी भगवान महादेव से कथा सुनने को कहा और भगवान महादेव ने देवी को अमर कथा को सुनाया। महादेव कथा सुनना प्रारंभ कर दिया और कई दिन तक कथा सुना। कथा में श्रीकृष्ण की विदाई का प्रसंग पर भी भावपूर्ण व्याख्यान किया।
शिव जीने देवी से कहा कि अद्भुत कथा को सुनाया। वेद व्यास के बद्रिका आश्रम की कथा का रसपान कराया। तेरा पल पल बीता जाए मुख से जप ले मन: शिवाय संगीत मय भाव से नमः शिवाय मंत्र जप को मानव मात्र के लिए कल्याणकारी बताया। यही एक मंत्र है जो मन मंदिर का पर्दा खोल देता है।
इस अवसर पर भागवत कथा आयोजन नीरू श्रीवास्तव, विद्याधर तिवारी, आशुकांत चुनाहे सहित तमाम लोग मौजूद रहे। भागवत कथा आयोजन नीरू श्रीवास्तव नेनगर वासियों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य के भागी बनने के लिए अपील किया।