୦ एक साल से लगातार महिला कर रही फरियाद, नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
୦ पूरी पैतृक संपत्ति जाने और जान से मारने की धमकी से आहत विक्षिप्त की हो चुकी है मौत
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
भू माफियाओं द्वारा लोगों की स्थिति परिस्थिति का फायदा उठाकर करोड़ों की संपत्ति हथियाने का काम किया जा रहा है। मामला देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के नकहारा देवखरा गांव का प्रकाश में आया है। नकहारा देवखरा निवासी अर्धविक्षिप्त स्व ० कुन्तराम चौरसिया की पत्नी रीता देवी ने दर्जनों बार देहात कोतवाली और की बार एसपी दरबार में पहुंचकर फरियाद लगाई, लेकिन उसका मुकदमा आज तक दर्ज नहीं हो सका। भला सोचने वाली बात है की करोड़ों की संपत्ति बिना पैसा दिए अर्धविक्षिप्त को बंधक बना लेने के बाद बैनामा करा ली गई और महिला अपने तीन तीन छोटे-छोटे बच्चों को लेकर लगातार एक साल से योगी की पुलिस से फरियाद कर रही है, लेकिन उसकी फरियाद नक्कारखाने में तूती बनी हुई है। एक बार भू माफियाओं के खिलाफ भी चाबुक चल जाय ताकि भू माफियाओं के कारण हैरान परेशान विधवा को राहत मिल सके।
देहात कोतवाली थाना अंतर्गत नकहारा देवखरा निवासी कुंतराम चौरसिया की पत्नी रीता देवी ने पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचकर शिकायती पत्र देकर भू माफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का माग दो माह पहले किया था। एसपी को सौंपे गए पत्रक में उसने कहा था कि उसके पति कुन्तराम जोकि अर्धदीक्षित टाइप के हैं विगत 28 जनवरी 2019 को शाम 4:00 बजे नकहरा से अचानक गायब हो गए। काफी खोजबीन करने के बाद जब उनका कहीं पता नहीं चला, तो 5 फरवरी 2019 को इस संबंध में सायन 5:45 पर गुमशुदगी रीता देवी ने दर्ज कराया। पत्रक में बताया है कि 8 फरवरी को उसका पति विक्षिप्त अवस्था में घूम रहा था, कुछ लोग उसे विक्षिप्त अवस्था में उठाकर लाए। बातचीत के दौरान उसने बताया कि हमें एक कमरे में बंद करके रखा गया था और किसी ऑफिस में ले जाकर दस्तखत कराते हुए अंगूठे का निशान ले लिया गया था। आरोप लगाया है कि गांव के जनप्रतिनिधि के सगे भाई ने मानसिक कमजोरी और विक्षिप्तता का का लाभ उठाते हुए उसके पति को अपहरित कराकर नकहरा स्थित एक बीघा 5 बिस्वा और देवखरा स्थित ४ बिस्सा रोड अर्थात उसकी कुल पैतृख संपत्ति की जमीन बिना पैसा दिए एक ही दिन रजिस्ट्री करा ली। कहां है कि यह रजिस्ट्री उस दौरान होता है, जब उसके पति का अपहरण किया गया और अपहरण के बाद रजिस्ट्री कराने के 30 जनवरी तिथि के एक हफ्ते बाद उसे गांव ले जाकर छोड़ दिया गया।
महिला ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ही धौरूपुर निवासी भू माफिया आधार और अन्य कागजात फर्जी लगाकर उसके पति की करोड़ों की संपत्ति को अपने नाम बैनामा करा लिया। ऐसे में उसके तीन तीन बच्चों का भविष्य अंधकार में पहुंच गया है। महिला का आरोप है कि बीट के दरोगा ने उससे कहा कि संबंधित माफिया से लाख दो लाख दिला देंगे। शांति से बैठ जाओ। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय पुलिस भी भू माफियाओं को खुला संरक्षण देते हुए गरीब एवं असहाय जनता की जमीन रजिस्ट्री कराने में भू माफियाओं के लिए मददगार साबित हो रही है।
महिला ने बताया कि माफियाओं द्वारा प्रताड़ना से परेशान उसके पति की मौत होने के बाद भी उसे लगातार जान से मारने और उसके बच्चों को क्षति पहुंचाने की धमकी भी दी जा रही है। वह तो सीताराम अपने तीन बेटे संदीप मनीष और चंदन को लेकर अपने उसी पैतृक जमीन पर बने कच्चे मकान में गुजर-बसर कर रही है। भू माफिया एवं फर्जी बैनामा कराने वाले आरोपी द्वारा दिए जा रहे धमकियों से मानसिक तनाव में आकर कुंतराम चौरसिया की 29 नवंबर २०१९ को मौत भी हो गई, फिर भी पुलिस अधीक्षक स्तर से किसी प्रकार की कोई कार्यवाही फर्जी बैनामा कराने वाले भू माफिया के खिलाफ न किया जाना एक सवाल ही छोड़ जाता है।