0 आयोध्या से रामेश्वरम के लिए निकले राम राज्य रथयात्रा
ब्यूरो रिपोर्ट, भदोही।
कलयुग में भी भगवान श्री राम को चौदह माह का वनवास हुआ है। इस बार वह वनवास पर रामेश्वरम जा रहे हैं। चौदह माह बाद जब वह लौटेंगे तो अयोध्या में उन्हें राम मंदिर चाहिए। राम लला अगली राम नवमी तक अयोध्या में अपने छत के नीचे होंगे। श्रीरामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी के तत्वावधान में अयोध्या से रामेश्वरम तक निकाली गई रामराज्य रथ यात्रा में शामिल शक्तिशन्तानंद महर्षि ने गुरूवार को भदोही के महावीर मंदिर पर कुछ समय के पड़ाव के दौरान यह बातें बातचीत के दौरान कही। इसके पहले भदोही जिले में राम राज्य रथ यात्रा के प्रवेश के दौरान गुरूवार को कई स्थानों पर रथ का भव्य स्वागत किया गया। जंगीगंज के महावीर मंदिर पर इस यात्रा का पड़ाव हुआ। संतों का सत्कार करते महावीर मंदिर के पुजारी राहुल महराज रथयात्रा में शामिल संतो ने कहा कि श्री राम चंद्र जी चौदह माह के लिए रामेश्वरम वनवास पर जा रहे हैं। चौदह माह बाद उनकी वापसी पर अयोध्या में हमे भव्य राम मंदिर का निर्माण चाहिए। अध्योध्या देश की आध्यात्मिक राजधानी है और बगैर श्री राम के देश में राम राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है। यात्रा में शामिल शक्तिशन्तानंद महर्षि ने कहा कि देश की आध्यात्मिक राजधानी अयोध्या है, दिल्ली नहीं। भगवान श्री राम का 14 माह बाद जब अगले रामनाथ पर रामेश्वरम वनवास से अयोध्या वापसी होगी तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए। रामलला अगले वर्ष तक अपने छत के नीचे होंगे। कहा कि बगैर राम बिना राम राज्य की परिकल्पना ही नहीं कि जांच सकती है। लखनऊ में मस्जिद ए अमन के सवाल पर कहा इस पर निर्णय लेना सरकार का काम है। अयोध्या में सिर्फ राम मंदिर का निर्माण चाहिए।
अध्योध्या से रामेश्वरम तक निकाली गई रामराज्य रथ यात्रा का कई स्थानों पर हजारों की संख्या में लोगों ने आगवानी की। जय श्री राम के गगन भेदी नारे के बीच यात्रा में शामिल संतो में शक्तिशन्तानंद महर्षि, राघोवा, जोशी रामदास जी, स्वामी अरूणानंद जी महराज का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। इस दौरान महावीर मंदिर के पुजारी राहुल महराज, विहिप के दीपेन्द्र नारायण व विनय बहादुर मिश्र समेत हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। यात्रा में शामिल संतो यहां जलपान के बाद प्रयाग के लिए रवाना हुए।