https://youtu.be/V19Q5K5vKXI
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
96 विकास खंड अंतर्गत विजयपुर गांव स्थित दुर्गा मंदिर पर श्री दुर्गा मंदिर आश्रम ट्रस्ट के तत्वावधान में स्वामी विमलानंद जी के परम शिष्य राजाधिराज स्वामी हंसानंद जी महाराज द्वारा आयोजित 73 वे रुद्र महायज्ञ के अंतिम दिन रविवार को यज्ञ स्थल पर आचार्यों और यजमानों द्वारा आहुति दी गई। इस दौरान हवनो के धुए से निकले धुंध से जहां क्षेत्र बहुत हो रहा था वही यज्ञ की ऋचाओ के श्रवण मात्र से लोग पुणे के भागी बन रहे थे। हजारों की संख्या में महिला पुरुष व बच्चे भी यज्ञ कुंड के चारों तरफ फैरी देते नजर आ रहे थे। रूद्र महायज्ञ का समापन विशाल भंडारे के साथ संपूर्ण हुआ जिसमें भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
सायंकाल स्वामी हंसानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि भगवत भजन मानव मात्र को विभिन्न योनियों में जन्म लेने से मुक्ति प्रदान कर सकता है अर्थात मुक्ति का प्रमुख साधन भगवत भजन ही है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह भगवान के भजन में अधिक से अधिक समय दें। कहां की भागवत की कथा जन्म जन्म के पापों से मुक्ति दिलाती है, इसलिए भागवत की कथा का श्रवण करना इस कलयुग में भी अमृत के समान है। कहा क्षेत्र के 96000 बीघे भूमि में दक्ष प्रजापति ने विशाल यज्ञ किया, उसी क्षेत्र की धरती पर रुद्र महायज्ञ का आयोजन क्षेत्रीय जनता के चतुर्दिक विकास और लोक कल्याण के लिए किया गया।
उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को कलश यात्रा और पंचांग पूजन के साथ ही प्रथम और द्वितीय पाली में रुद्र महायज्ञ का आयोजन चल रहा है। वहीं 3 फरवरी से लगातार रासलीला का भी आयोजन किया गया। रासलीला में हजारों दर्शनार्थियों ने लीला देखकर भाव विभोर हो गए तो वही जय श्री कृष्ण जय श्री राधे के उद्घोष से पूरा पंडाल गूंज उठा। रासलीला में ब्यास के रूप में श्याम जी, कृष्ण के रूप में लक्ष्मी नारायण तिवारी, संचालन रमेश चंद्र तिवारी, जगन्नाथ देबू अवधेश राधा के रूप में मुकेश और गोपियों के रूप में राजेश राकेश गुलशन और रवि शामिल रहे। राजाधिराज स्वामी हंसानंद महाराज ने जनपद वासियों से अपील की है कि 9 फरवरी दिन रविवार को प्रसाद वितरण कार्यक्रम में उपस्थित होकर श्री रुद्र महायज्ञ का प्रसाद अवश्य ग्रहण करें। इससे पूर्व विद्युत जनों ने आचार्य स्वामी आनंद जी महाराज, स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज, रवीश कुमार अग्रहरि, त्रिवेणी नेताजी, पूर्व मंत्री बिंदकी फतेहपुर राजेंद्र जी पटेल, राम अवध चतुर्वेदी, शरद सिंह, दिनेश कुमार पटेल, फतेहपुर केडी अवस्थी हाईकोर्ट इलाहाबाद, बग्गड बाबा, गोपाल कृष्ण गुप्ता, कैलाश नाथ पटेल, तुलसी शर्मा इंजीनियर, धवल जी जायसवाल, प्रमोद जी जायसवाल, बब्बू हलवाई, वीरेंद्र श्रीवास्तव, अवधेश लाल श्रीवास्तव, डॉ तुलसी वाराणसी, मनोज कुमार अदलपुरा, विजय कुमार मध्य प्रदेश, एमपी सिंह, राजेश दुबे, महेंद्र सिंह, रणविजय सिंह, पप्पू श्रीवास्तव आदि के अलावा तमाम विद्वतजन और भक्त गण उपस्थित रहे।