विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
होली का पर्व वैमनस्यता को त्याग कर सकारात्मक दिशा में पहल करने का संदेश देता है । देश एवं समाज के विकास के लिए मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना के बजाय मुंडे मुंडे एक मता मंत्र का अनुसरण करके ही समाज एवं देश का कल्याण किया जा सकता है। उक्त विचार अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज कल्याण समिति के तत्वावधान में नगर के बसन्त विद्यालय इंटर कालेज में आयोजित होली मिलन समारोह में वक्ताओं ने व्यक्त किया ।
वरिष्ठ चिकित्सक डा० नीरज त्रिपाठी ने कहा कि समाज को जोड़ने की तैयारी दशकों से की जा रही है । जब बात सहयोग की आती है तब समाज के लोग सहयोग की जगह किनारा कर लेते हैं । यह चिंतन तथा मनन का विषय है । प्रकृति का नियम है कि वह राजा प्रजा सभी को समान दृष्टि से देखता है । कहा कि कर्ज के अनुसार उसका फल तय हैं। डा० त्रिपाठी ने कहा कि होली का पर्व हमें समाज के साथ चलने के लिए त्याग का संदेश देता है । डा० गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहा कि प्रेम सद्भाव के पथ पर ही सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है । मौसम के विपरीत आचरण करने वालों को महज दु:ख ही मिलता है। समारोह में डा० संजय मिश्र, कैलाश नाथ दूबे, इन्द्र बहादुर पाण्डेय, देव प्रकाश पाठक, नितिन अवस्थी, रत्नेश दुबे, विजय दुबे, डा० टी एन दिवेदी, शिव कुमार शुक्ल समेत तमाम लोग उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत इन्द्र बहादुर पाण्डेय एवं संचालन विष्णु नारायण मालवीय ने किया। इस मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में महावीर प्रसाद चटर्जी एवं रूद्रेश रंजन चटर्जी ने फागुनी गीतों से सराबोर किया।