० नगर सहित जनपद के नामी गिरामी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर अभी कोई असर नही
विमलेश अग्रहरि (8299113438), मिर्जापुर।
जिले के मड़िहान तहसील अंतर्गत पटेहरा कला स्थित लता डायमंड चिल्ड्रन स्कूल जनपद का पहला विद्यालय है, जिसने वैश्विक अस्तर पर कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए अपने विद्यालय के समस्त छात्रों का अप्रैल मई और जून का फीस पूरी तरह से माफ कर दिया है। ऐसा विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश द्वारा निर्देशित किया गया है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रियंका सिंह ने अपने समस्त छात्र छात्राओं के अभिभावकों को सोशल मीडिया के जरिए पत्र भेजकर अवगत कराया है कि कोरोना जैसे महामारी के संकट में विद्यालय परिवार अभिभावकों के साथ खड़ा है। विद्यालय परिवार यह जानता है कि महामारी के इस दौर में लाक डाउन के चलते अभिभावकों की जेब ढीली है।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने जिला विद्यालय निरीक्षक व बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर जनपद के समस्त आईसीएससी, सीबीएससी एवं सभी प्राइवेट विद्यालयों से आग्रह किया था कि अप्रैल मई-जून का फीस लेने के लिए अभिभावकों पर दबाव कतई ना बनाया जाए, हो सके तो राहत दिया जाय। यदि उसे माफ नहीं किया जा सकता तो उसे भविष्य में किस्तों में समायोजित कर लिया जाए। जिलाधिकारी के आदेश का अनुपालन पूरी तरह करने के साथ ही लता डायमंड चिल्ड्रन स्कूल के प्रबंधक ओम प्रकाश ने विद्यालय के सभी बच्चों का फीस 3 महीने का माफ कर दिया, जिसकी पूरे जनपद में प्रशंसा हो रही है। वही जनपद के नगर समेत ग्रामीण अंचलों में भी तमाम नामी-गिरामी पब्लिक स्कूल व इंग्लिश मीडियम स्कूल है, जिन्होंने अभी तक जिलाधिकारी के आदेश पर कोई अमल नहीं किया है। आशा व्यक्त की जा रही है कि नगर के नामी-गिरामी सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित स्कूलों के प्रबंधन भी इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेंगे, ताकि कोरोना महामारी के चलते लाक डाउन के इस दौर में जनपद के अभिभावकों को अप्रैल मई और जून का फीस ना भरना पड़े। वैसे भी इन विद्यालयों द्वारा हर साल जून के महीने का फीस बेवजह लिया जाता है जबकि जून में विद्यालय बंद रहता है।
आपको बता दें कि सरकारी विद्यालयों में जहां संविदा पर शिक्षाकर्मी युक्त वहां संविदा कर्मियों को जून महीने का मानदेय नहीं दिया जाता। जून महीने का मानदेय नहीं दिया जाता तो फिर इंग्लिश मीडियम स्कूलों में जून महीने का बच्चों का फीस क्यों लिया जाता है। ऐसे में जिन दिनों विद्यालय बंद रहते हैं, उनका फीस तो कतई विद्यालयों द्वारा अभिभावकों से वसूल नहीं किया जाना चाहिए। इस पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी के निर्देश/आग्रह का जनपद के नामी-गिरामी सहित तमाम इंग्लिश मीडियम/प्राइवेट स्कूल कितना कद्र करते हैं और अभिभावकों को क्या राहत देते हैं यह के करते हैं।