ज्ञानदास गुप्ता
डिजिटल डेस्क, ड्रमंडगंज (मिर्जापुर)।
लॉकडाउन में सबसे ज्यादा यदि कोई परेशान हो रहा है, तो वह प्रवासी मजदूर हैं। घर वापसी के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने राज्य गांव पहुंच रहे हैं। वैसे तो प्रशासन को प्रवासी मजदूरों को हर संभव मदद के निर्देश मिले हैं, लेकिन हलिया ब्लाक के एक छोटे से गांव में निवास करने वाले समाजसेवी प्रमोद कुमार पाण्डेय के नेकी और मानवता की जो तस्वीर सामने आई है, वह हर व्यक्ति का सीना गर्व से चौड़ा कर देने वाली है। मामला राष्ट्रीय राजमार्ग-7 स्थित मीरजापुर जनपद के ड्रमडगंज बाजार का है। मध्य प्रदेश बॉर्डर से सटे मीरजापुर जनपद के अति पिछड़े ब्लाक हलिया के ड्रमंडगंज बाजार में 2 दर्जन से अधिक मजदूर राजस्थान से पटना बिहार के लिए पैदल जा रहे थे तभी समाजसेवी प्रमोद पाण्डेय ने पैदल जा रहे मजदूरों को देखा। शाम हो चुकी थी इसी बीच किसी हमदर्द को पाकर मजदूरों ने अपना पूरा दर्द बयां कर दिया।
मजदूरों ने बताया कि हम लोग राजस्थान के अजमेर में पारले बिस्किट कंपनी में कार्य करते थे किंतु वहां आसपास के इलाके में कोरोना के कई संदिग्ध मरीज मिले जिस कारण हम लोग कंपनी जाना बंद कर दिये और 6 मई की रात में अपने घर- गांव के लिए पैदल ही चल पड़े।मजदूरों ने कहा-पैदल चलते-चलते बहुत थक गए हैं साहब।
मजदूरों के दर्द को समझते हुए समाजसेवी प्रमोद पाण्डेय ने रात सोने व खाने की व्यवस्था की और सुबह सेवटी नदी में स्नान कराया तथा सभी को पटना जा रही ट्रक में बैठाकर घर भेजने का काम किया। मजदूर जाते-जाते प्रमोद पाण्डेय को दुआएं और उनकी कर्तव्यनिष्ठा को सलाम कर गये।