डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु महाराज स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए भक्तों ने स्वामी जी के निर्देशों का पालन किया। शक्तेशगढ़ स्थित परमहंस आश्रम में रविवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जहां लाखों की भीड़ होती थी, महामारी के बीच स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के निर्देशानुसार भक्त अपने अपने घरों पर ही गुरु पूर्णिमा का निर्वहन किए साथ ही कुछ भक्तो का आना जाना आश्रम परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए रहा।
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के आश्रम में न रहने के कारण भक्तों में कमी देखी गई, वहीं आश्रम परिसर में संतों के द्वारा गुरु महिमा के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया एवं गुरु के बताए हुए रास्ते पर भी चलने का आह्वान किया गया।
साधु संतों ने भजन के माध्यम से भक्तों को अपने भक्ति भाव के रास्ते पर चलने के लिए बताया, वही भजन के माध्यम से आश्रम के संत जयंत बाबा तानसेन महाराज ने सभी आए हुए भक्तों को अपनी अमृतवाणी वर्षा कर भाव विभोर कर दिया।
नारद महाराज ने कहा कि गुरु के भक्ति भाव से समर्पित कर निहस्वार्थ सेवा करना चाहिए, तभी प्रेम रुपी परमात्मा को पाया जा सकता है और गुरु के द्वारा बताए हुए रास्ते पर चलने का भी प्रयास करना चाहिए तभी भवसागर से मुक्ति मिल सकती है। नारायण महाराज जी ने कहा कि यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्म शास्त्र है सबको इसका अनुसरण करना चाहिए।
यथार्थ गीता मजहब मुक्ति है, तमाम प्रकार की भ्रांतियां को नष्ट कर अंधकार से प्रकाश की तरफ ले आते हैं यथार्थ गीता जीवन दर्पण है मानव मात्र का धर्म शास्त्र है जो जीने की कला को सिखाती है।
तानसेन महाराज गुरु महिमा का वर्णन करते हुए भजन के माध्यम से भक्ति के रस में अपनी सुरीली आवाज में भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही आश्रम की तरफ से ऐसे महामारी को देखते हुए पूरा आश्रम परिसर एवं रास्तों को ऑटोमेटिक मशीन द्वारा सैनिटाइजर किया गया। मेन गेट पर भी सेंट्राइस के सिस्टम को ही भी लगाया गया था एवं भक्तों के गाड़ी एवं सामानों को भी बारीकी से सुरक्षित किया गया।
इस दौरान यथार्थ गीता कम मूल्य पर वितरण किया गया जिससे हर व्यक्ति ले सके। सुरक्षा के मद्देनजर शक्तेशगढ़ चौकी प्रभारी अजीत कुमार श्रीवास्तव मय फोर्स के साथ चक्रमण करते रहे तथा सोसल डिस्टेंस का पालन करने को सूचना करते रहे। कुल 150 पुलिसकर्मी सुरछा के लिए लगाए गए थे। राजगढ़ की तरफ से आ रही गाड़ी को बाबा सिद्धनाथ दरी के गेट पर ही रोक दिया जाता था। जिसमें 10 महिला कांस्टेबल, एक प्लाटून पीएसी तथा इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह मड़िहान, राजीव मिश्र इंस्पेक्टर चुनार आदि पुलिसकर्मी मौजूद रहे।