डिजिटल डेस्क, चुनार।
चुनार नगर के टेकौर स्थित श्रीमती भागीरथी ट्रस्ट आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डाॅ ब्रम्हानंद शुक्ल की रचित पुस्तक “व्याकरण भास्कर” को उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद लखनऊ द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने पर नगर के प्रबुद्ध जनों में हर्ष व्याप्त है। सोमवार को प्राचार्य की इस सफलता पर महाविद्यालय में एक संक्षिप्त संगोष्ठी शोसल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए आयोजित की गई। जिसमें उपस्थित प्रबुद्धजनों ने प्राचार्य को बधाई देते हुए उनके द्वारा रचित पुस्तक की सराहना की। इस अवसर पर प्राचार्य ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्याकरण भास्कर पाणिनी व्याकरण का सरलतम ग्रंथ है इसमें महर्षि पाणिनी जी के सूत्रों की, महर्षि कात्यायन के वार्तिको की एवं महर्षि पतंजलि के महाभाष्य की भाषाओं को सरलतम विधि से सामान्य छात्रों को भी बोध कराने के लिए लिखा गया। उन्होंने कहा कि छात्रों को व्याकरण पढाते समय यह अनुभव किया गया कि व्याकरण उन ग्रंथों को समझने में अत्यंत कठिनाई हो रही है जिसे दूर करने के लिए व्याकरण भास्कर की रचना करके संस्कृत व्याकरण को अत्यंत सुगम एवं सरल करने का प्रयास किया गया है। जिसे कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इस दौरान नगर के वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार ओझा, मेजर कृपा शंकर सिंह, डाॅ कृष्ण बिहारी दिवेदी, अधिवक्ता शशिकांत मिश्र, डाॅ उपेन्द्र चतुर्वेदी, अविनाश सहाय, आदि प्रमुख मौजूद रहे।