विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऑपरेशनल कार्यों हेतु अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को विभिन्न पदकों से सम्मानित किया गया। इस वर्ष प्रदेश के विभिन्न मंडलों के कुल 262 अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया। इस बार जीआरपी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अनुभाग में दो जीआरपी निरीक्षकों को सिल्वर पदक से सम्मानित किया जाएगा। जीआरपी प्रयागराज अनुभाग से 2 निरीक्षकों को सिल्वर पदक प्रदान करने हेतु चयनित किया गया था। इसमें मिर्जापुर जीआरपी थाना प्रभारी उदय शंकर सिंह कुशवाहा और प्रयागराज अनुभाग में ही कार्यरत राजेंद्र कुमार सिंह को सिल्वर पदक प्रदान किया गया। जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक उदय शंकर सिंह कुशवाहा यह सम्मान प्राप्त करने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर जीआरपी के प्रयागराज अनुभाग पहुंचे, जहां उन्हें वरिष्ठ अधिकारी रेलवे मनोज कुमार झा के द्वारा रजत पदक का मेडल पहनाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सांपे गये पुलिस महानिदेशक प्रशंसा चिन्ह रजत में पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने कहा है कि पुलिस सेवा में सराहनीय योगदान के लिए स्वतंत्रता दिवस 2020 के अवसर पर यह सम्मान श्री कुशवाहा को प्रदान किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि जीआरपी थाना प्रभारी उदय शंकर कुशवाहा अपने कुशल नेतृत्व क्षमता के कारण जहां एक तरफ मिर्जापुर जीआरपी परी क्षेत्र मांडा से लेकर चोपन तक के बीच ट्रेनों में जहरखुरानी की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मिर्जापुर में कार्य करते हुए कई बार बिकने के लिए जा रहे हैं हजारों की तादाद में तोते बरामद कर अपनी काबिलियत को प्रस्तुत करने का कार्य किया है। इसी के साथ ही कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की वापसी के दौरान भी पूरी मेहनत व लगन निष्ठा के साथ समर्पण भाव से कार्य करते रहे। माना जा रहा है कि उनके कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ ही अपराध एवं अपराधियों पर पैनी नजर, उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही का प्रतिफल है। बताते चलें कि कई बार तो ऐसा भी हुआ की लोग ट्रेन में उचक्का गिरी का शिकार होने के बाद उनके पास आए और घर तक पहुंचने के लिए पैसे ना होने की बात कही तो उदारता दिखाते हुए श्री कुशवाहा ने उन्हें भाड़ा किराया तक की व्यवस्था अपने निजी को से कर दी। दो-तीन महीने पहले की बात है ट्रेन में यात्रा के दौरान दंपति के साथ एक बच्चा जो बीमार था दम तोड़ दिया, मिर्जापुर में पहुंचने के बाद उसे ट्रेन से उतार कर आवश्यक कार्यवाही को पूरी करते हुए उन्होंने उसे सड़क मार्ग से अपनी व्यवस्था से बिहार स्थित घर तक भिजवाने का कार्य किया है और हमेशा एक सजग पुलिस अफसर के रुप में किसी भी मामले में निर्णय उचित लेने में माहिर माने जाते हैं।