० जेएसजीएस पब्लिक स्कूल, ओम साईं विंध्य कॉलेज आफ़ फार्मेसी, मां विंध्यवासिनी बीटीसी कॉलेज तथा एसएसपीपीडी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज का संयुक्त कार्यक्रम
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
5 सितंबर 2020 को मड़िहान तहसील क्षेत्र के विद्यालय जेएसजीएस पब्लिक स्कूल तिसुही, ओम साईं विंध्य कॉलेज आफ़ फार्मेसी तिसुही, मां विंध्यवासिनी बीटीसी कॉलेज तथा एसएसपीपीडी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज तिसुही के संयुक्त तत्वाधान में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।
इस दौरान कोविड-19 के परिदृश्य में सोशल डिस्टेंसिंग एंड यूज आफ़ मास्क को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षक, शिक्षिका, प्रधानाचार्य, प्राचार्य एवं कार्यालय प्रमुख तथा सहायकगण तथा सबके संरक्षक क्षेत्रीय जनों के हृदयस्थ प्रबंध निदेशक मड़िहान क्षेत्र के द्वितीय मालवीय एवं विंध्य भूषण जगदीश सिंह पटेल हर्षोल्लास पूर्वक सम्मिलित रहे। इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रबंध निदेशक शिक्षाविद जगदीश सिंह पटेल द्वारा डॉ राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
कोआर्डिनेटर टी के पाठक कार्यकारी, प्रधानाचार्य श्रीमती सुनीता मौर्य, उपप्रधानाचार्य राम सिंह तथा उपस्थित शिक्षक शिक्षिकाओं ने डॉक्टर राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पार्चन करते हुए विचारों की श्रृंखला में कदम बढ़ाए। प्रबंध निदेशक के द्वारा डॉक्टर राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। श्रीमती सुनीता मौर्य ने डॉक्टर सर्वपल्ली के स्वयं का जन्मदिन न मनाकर शिक्षकों को समर्पित करके उन्हें सम्मानित करने की अनोखी परंपरा कायम की ऐसा विचार प्रकट किया।
उपप्रधानाचार्य ने उनके जीवन शैली पर चर्चा करते हुए दार्शनिक विचारों को आज भी प्रासंगिक बताया। शिक्षा के प्रति समर्पित शिक्षाविद श्री जगदीश सिंह पटेल ने अहर्निश शिक्षा कर्म में लगे हुए शिक्षकों को पूज्य बताएं जिनके अप्रतिम प्रयास से इस कोविड-19 जैसी विषम परिस्थिति में शिक्षा के विविध आयामो-ऑनलाइन शिक्षा देकर मानवता का मार्ग प्रशस्त करने में प्रयत्नरत है। इस अवसर पर एसएसपीपीडी के शिक्षक सी बी सिंह, आर बी तिवारी ने भी विचार प्रस्तुत किए।
कोऑर्डिनेटर टीके पाठक, नीलरतन, एमपी सिंह, एके मौर्य, बलराम यादव, मोहनलाल, एके तिवारी, अरुण तिवारी, प्रियांसा, संजय प्रजापति, मंगला सिंह, श्रीमती मंजुला सिंह, बालेन्दु सिंह उपस्थित रहे। टीके पाठक के धन्यवाद से कार्यक्रम का समापन किया गया।