0 तालाबंदी के बाद से हर आदमी हुआ है इससे काफी प्रभावित
0 बहुत बड़े स्तर पर नौकरियां चली गई, लोगों के सैलरी में भी हुई है कटौती
ओबैदुल्ला असरी, भदोही।
कोरोना की वजह से स्कूल और कालेज बंद है। ऑनलाइन पढ़ाई जरूर कराई जा रही है। जिसकी एवज में स्कूल और कालेज पूरी फीस मांग रहे हैं। वैश्विक महामारी के दौर में हर आदमी चाहे व नौकरी-पेशा या फिर दुकानदार सभी प्रभावित हुए है। बहुत बड़े स्तर पर नौकरियां भी गई हैं या फिर सैलरी में कटौती हुई है। ऐसे में सभी फीस जमा करने में असमर्थ है।
स्कूल व कालेज की फीस माफी के लिए कई माह से आवाज उठ रही है। कम से कम 6 महीनों तक निजी स्कूल और कालेज की फीस पूरी तरह माफ होनी चाहिए। ऐसी मांग की जा रही है। लेकिन फिलहाल सरकार द्वारा इस पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया जा सका। हालांकि देखा जाए तो एक साधारण परिवार की मासिक सैलरी का 35 से 40 प्रतिशत हिस्सा बच्चों की पढ़ाई पर खर्च हो जाता है। तालाबंदी के बाद से नौकरी-पेशा या फिर दुकानदार सभी प्रभावित हुए हैं। काफी लोगों की नौकरियां चली गई। बहुतों की सैलरी में कटौती कर दी गई। ऐसी स्थिति में वह फीस कहा से जमा कर पाएंगे।
अभिभावकों का कहना है कि जब स्कूल और कालेज बंद चल रहा है तो उस स्थिति में फीस कैसा। स्कूल और कालेज अपने शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन की दुहाई दे रहे हैं। हर साल उनके द्वारा कमाई की जाती है। अगर कोरोना काल में वह अपने शिक्षकों तथा कर्मचारियों का वेतन भुगतान अपने पास से दे दे तो क्या हर्ज है। चलिए 6 माह की फीस को माफ कर 6 माह की फीस ले ले। अगर ऐसा भी हो जाता है तो अभिभावकों के लिए काफी राहत हो जाएगा।