विमलेश प्रसाद, मिर्जापुर।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी दलितों पिछड़ों गरीबों को जगाने वाले पूर्व मंत्री स्वर्गीय भागवत पाल की पुण्यतिथि 12 सितंबर शनिवार को शुक्लहा पर मनाई गई। प्रत्येक वर्ष यह पुण्यतिथि बड़े स्तर पर अपने नेता को याद करने के लिए मनाया जाता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना काल महामारी के कारण यह समारोह छोटे रूप में भागवत पाल के आवास पर ही मनाई गई। साथ ही साथ मोबाइल के जूम ऐप के जरिए वर्चुअल पुण्यतिथि भी 12 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे से मनाई गई।
स्व ० भागवत पाल के पुत्र युवा समाजसेवी जय सिंह पाल ने संबोधित करते हुए कहा कि सन 2004 में पिताजी की स्वर्गवास की खबर लखनऊ से फोन द्वारा हम लोग को सुबह प्राप्त हुई। ऐसा लगा मानो पूरा संसार हमारे लिए खत्म हो गया लेकिन जब उनके चाहने वालों का टाटा मेरे घर पर लगने लगा तो ऐसा लगा मानो स्वर्गी भागवत पाल जी तो हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके द्वारा कमाए गए आदमियों की संख्या और उनके जाने के बाद उनको याद करके उनको श्रद्धांजलि देने उनका दर्शन प्राप्त करने मात्र के लिए हजारों हजार के जो संख्या निज निवास स्थान पर आई। ऐसा लग रहा था यह सब मेरे गार्जियन हैं, एक पिता के रूप में जितना हमको प्यार मिला, उससे कहीं भी कम नहीं। पिताजी द्वारा समाज सेवा के रूप में किए गए कार्यों की बदौलत आज तक मिलता रहा है। इसी आशा और विश्वास के साथ हम उन्हें अपने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं कि आप जहां भी रहे हम लोगों पर परिवार पर समाज पर अपने लोगों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें, यही हमारी कामना है।
इस अवसर पर दर्जनों की संख्या में आवास पर पहुंचे भागवत पाल के अनुयायियों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया।