डिजिटल डेस्क, चंदौली।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा है कि सरकार द्वारा कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाये जाने हेतु राष्ट्रीय पोषण माह चलाया जा रहा है जिसका लाभ समाज में गर्भवती व अतिकुपोषित (सैम) एवं कुपोषित बच्चों तक पहुंचाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गांव में गर्भवती एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हे कुपोषण के बारे में जानकारी दें और लाभ पहुंचाएं ताकि वह कुपोषण मुक्त हो सकें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन व स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी को दूर किया जाए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी नीलम मेहता ने बताया कि इस वर्ष प्रत्येक वर्ष से ज्यादा सतर्कता के साथ पोषण माह मनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए जरूरी नहीं है कि कुपोषित बच्चों या गर्भवती को काजू, बादाम एवं अनार ही दिया जाये बल्कि घर के बगीचे मे आँगन मे सहजन, करी पत्ता, लौकी, गाजर, मूली, हरी साग सब्जी की उपज कर प्रयोग करें जिससे शरीर को लाभ मिलेगा।
नीलम मेहता ने बताया कि जनपद को कुपोषण मुक्त बनाना सभी का दायित्व है। इसका मुख्य बिन्दु खान-पान है, जब तक खानपान में बदलाव नहीं करेगें तब तक समस्याएं रहेगी। उन्होने बताया कि भोजन बनाना भी एक कला है। इसमें महिलाओं की सहभागिता अति आवश्यक है घर के बगीचे से पौष्टिक सब्जी और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना सकती हैं। उन्होने बताया कि अभियान के तहत कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जनसमुदाय में जानकारी दे रही हैं। जैसे बार-बार हाथ धोना, नियमित कपड़े की सफाई, बर्तनों को अच्छे से साफ करना, बाहर कहीं भी जाएं तो शारीरिक दूरी पर विशेष ध्यान दें। मास्क लगाना कभी न भूलें।
उपकेंद्र सिकन्दरपुर ब्लॉक चकिया की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशिबाला ने बताया कि केंद्र पर पोषण माह के तहत सामुदायिक सहयोग के साथ वृक्षारोपण किया गया साथ ही केंद्र पर 22 गर्भवती को मीठा दलिया, नमकीन दलिया, लड्डू प्रीमियम, हरी सब्जी साथ ही गिलोई भी दी गयी। केंद्र पर सात माह से तीन वर्ष तक के 36 बच्चों एवं तीन से छह वर्ष के 32 बच्चों को केंद्र पर मीठी व नमकीन दलिया एवं वीनिंग फूड के साथ ही फल वितरण किया किया गया।