० छोटे शहरों, कस्बों एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन बेड्स एवं ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता सुनिश्चित हो: अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अपना दल (एस)
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में मौजूदा दो ज्वलंत मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। श्रीमती पटेल ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक आय को 202 रुपए से अधिक करने एवं उनका वार्षिक कार्य दिवस को 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग की है। इसके साथ ही श्रीमती पटेल ने देश के छोटे शहरों, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि कोरोना मरीजों को इलाज में किसी तरह की दिक्कत न हो।
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान देश की आम जनता विशेष कर गरीब वर्ग के लिए उनकी तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं।
मनरेगा मजदूरों का वार्षिक कार्य दिवस 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन करने की मांग:
श्रीमती पटेल ने लोकसभा में कहा कि कोरोना आपदा के दौरान मजदूरों के लिए मनरेगा एक सबसे बड़ी सेफ्टी नेट के तौर पर कार्य कर रहा है। इस योजना के जरिए मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को उनके गांव में रोजगार के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान कराना एक अच्छी पहल है।
मनरेगा मजदूरों का दैनिक वेतन 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए करने पर श्रीमती पटेल ने केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए मांग की कि इन मजदूरों का दैनिक वेतन 202 रुपए से ज्यादा बढ़ाया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि हर गांव के अंतर्गत मजदूरों के लिए कार्ययोजनाएं बढ़ाई जाएं और उनके वार्षिक कार्य दिवस को 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए। इसके लिए कार्य स्थल पर मनरेगा मजदूरों के लिए कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक सुरक्षा उपाय भी किए जाए।
छोटे शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाया जाए ऑक्सीजन बेड:
श्रीमती पटेल ने कहा कि वर्तमान में देश में 52 लाख से अधिक कोरोना के मरीज हो गए हैं। रोजाना एक लाख नए मरीज आ रहे हैं। रोज 10 लाख टेस्ट हो रहे हैं। पीएम केयर्स से बड़ी संख्या में वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। बावजूद इसके छोटे शहरों, कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचा काफी अपर्याप्त है और विशेष तौर पर ऑक्सीजन बेड्स की भारी कमी देखने को मिल रही है। अत: मरीजों के इलाज हेतु ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे शहरों एवं कस्बों में इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन सिलिंडर की भी व्यवस्था की जाए।