डिजिटल डेस्क, चंदौली।
जनपद में सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इलनेस (एस.ए.आर.आई.) एवं इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस (आई.एल.आई) के जो मरीज कोविड-19 जॉच में निगेटिव पाए गए हैं, उनकी क्षय रोग (टी.बी.) की जाँच कराई जायेगी। कोविड -19 संक्रमण एवं क्षय रोग के कई लक्षण लगभग समान होते हैं, इसीलिए जो लोग कोविड-19 की जांच में निगेटिव पाये गए हैं लेकिन वह खांसी, बुखार व सांस लेने की तकलीफ से ग्रसित हैं तो उनके बलगम की जाँच होगी, इसके लिए एक टीम भी गठित की गयी है । इसके साथ ही आवश्यकतानुसार चेस्ट एक्स-रे व अन्य जाँच भी करायी जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डी एन मिश्रा ने बताया कि कोविड-19 और क्षय रोग के लक्षण एक समान होने से लोगो में भ्रम हो गया है लेकिन कोविड की जाँच निगेटिव आने के बाद भी अगर खाँसी एवं बुखार से पीड़ित लोग क्षय रोगी भी हो सकते हैं जिनकी जनपद ब्लाक स्तर पर टीबी की जाँच करायी जा रही है।
टीबी यूनिट के कर्मचारियों द्वारा गृह भ्रमण कर वर्तमान में क्षय रोग के लक्षण बुखार, खाँसी, वजन कम होना, रात्रि में पसीना आना, कांटेक्ट हिस्ट्री पाए जाने की दशा में उनके बलगम की सीबीनॉट जॉच व उन्य आवश्यक जाँचें करायी जा रही है। जॉच के उपरान्त जिनमें भी क्षय रोग की पुष्टि होती है उनका विवरण निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर इलाज किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जिसको दो सप्ताह से अधिक खांसी और बुखार आ रहा हो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी टीबी की जांच तुरंत करा लें।
डॉ डीएन मिश्रा ने बताया कि जनपद में 1,631 टीबी के मरीजों का इलाज चल रहा है। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को इलाज की अवधि तक 500 रुपये प्रतिमाह सीधे उनके बैंक खाते में दिये जा रहे है। अब तक 1,269 टीबी के मरीजों के खाते में 29.2 लाख रुपये भेजे जा चुके हैं।