डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
कहा जाता है कि, ” सदियों की कहानियां खुद में समेटे एक बुजुर्ग जन्म लेता है एक बच्चे से । कहानियों को काजू किशमिश सा बच्चों की मुट्ठी में भर देने के बाद जब देहांत होता है बुजुर्ग का तो देहांत उसी के साथ हो जाता है बचपन का भी।”
आज एक अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस के अवसर पर अपने भगीरथ प्रयास के लिए प्रसिध्द रविकांत द्विवेदी प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय भगेसर , पहाड़ी के नेतृत्व में विद्द्यालय में बुजुर्गों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें ग्राम प्रधान जी की सहभागिता से कुछ बुजुर्ग पुरुषों व महिलाओं का माल्यार्पण और अंग वस्रतों द्वारा अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान विंध्यवासिनी शुक्ला ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बुज़ुर्गों की छत्रछाया में किया गया कोई भी कार्य निश्चित रूप से अच्छे परिणाम को देने वाला होता है लेकिन आज इनकी उपेक्षा का सीधा उदाहरण हमें ओल्ड एज होम और वृद्धाश्रम के रूप में देखने को मिलता है।
प्रधानाध्यापक रविकांत द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि चेहरे की चमक और घर की ऊंचाइयों पर मत जाना , घर के बुजुर्ग अगर मुस्कुराते मिले तो समझ जाना कि आशियाना अमीरों का है इसलिए हमें सदैव बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में बुजुर्ग पुरुषों के बच्चों और वृद्ध महिलाओं के बहू बेटियों द्वारा इस अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस संकल्प कराया गया कि वे अपने बुजुर्गों सदैव सम्मान व आदर करेंगे तथा उनका ध्यान रखेंगे। इस अवसर प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान के अतिरिक्त विद्यालय परिवार से अंशुमान द्विवेदी , श्रीमती स्वरूप कुमारी, रसोइयां प्रमिला देवी, निर्मला देवी, उर्मिला देवी व ग्राम वासी एडवोकेट शिशिर पाठक, मनीष पाण्डेय, लक्ष्मी पति तिवारी, मिठाई लाल, सुद्धू, त्रिलोकी, एसएमसी अध्यक्ष साधू आदि उपस्थित रहे।