एजुकेशन

स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की ज्योति जला रहा है एक कर्मयोगी

० परिषदीय विद्यालय के गुरुजनों के लिए उदाहरण बने
 ड्रमंडगंज।
 मीरजापुर- प्रयागराज सीमा पर स्थित प्राथमिक विद्यालय राजपुर से सटे हुए अपने घर पर एक कर्म योगी शिक्षा के प्रकाश को ग्रामीणों में फैला रहा है। उस कर्म योगी का नाम है सदानंद यादव एक शिक्षक के पुत्र है, इसलिए शिक्षा के महत्व को अच्छी तरह जानते हैं। जनपद के सबसे पिछड़े हुए क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाना यह समाज के लिए बहुत बड़ा उदाहरण है। उनके पिता रिटायर्ड प्रधानाध्यापक हैं। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को अपने घर पर कोरोना वायरस के समय में सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए लिए एक उदाहरण है जिसकी क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। ऐसे जागरूक नागरिक शिक्षा के प्रति समर्पित हो जाए तो समाज की दिशा और दशा बदल सकती है। ऐसा कहना है क्षेत्रीय नागरिकों का कि ऐसे जागरूक युवा से समाज प्रेरणा ले सकता है। यह परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापक के लिए बहुत बड़ा उदाहरण है शिक्षकों को सदानंद से सीख लेनी चाहिए। अगर इतनी जागरुकता प्रदेश के हर विकर्षक में आ जाए तो समाज की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है और बुनियादी शिक्षा को मजबूती मिल सकती है।
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