० एनसीसी कैडेट्स ने अगवानी कर गंगा दूत को पीडीएनडी इंटर कालेज में पहुंचाए
० गंगा दूत के टीम के सदस्य नितिन रंजन के टीम द्वारा वृक्ष माल अभियान चलाया जा रहा
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
दुनिया की सबसे बड़ी 6000 प्लस किलोमीटर की पदयात्रा 16 दिसंबर 20 से प्रयागराज से शुरू हुआ और गंगा के उत्तरी तट से होते हुए गंगासागर पहुंचकर पुनः दक्षिणी तट से वापस गोमुख को जाने के लिए 3000 प्लस किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं, ये यात्रा गोमुख से वापस प्रयागराज संभावित 15 अगस्त 20 21 को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस मुंडमाल गंगा परिक्रमा मूलतः चार उद्देश्य के साथ पदयात्रा किया जा रहा है- 1. पदयात्रा 2. गंगा प्रदूषण जांच 3. गंगा ज्ञान 4. वृक्ष माल अभियान। इस गंगा परिक्रमा के दौरान अतुल गंगा परिक्रमा के साथ-साथ गंगा के दोनों तटों पर हर 10 से 15 किलोमीटर पर गंगा जल के प्रदूषण का 12 पैरामीटर्स से जांच कर रहे हैं।
इसके साथ ही रास्ते में आने वाले सारे नाले को चिन्हित किया जा रहा है जो गंदे नाले गंगा में गिर रहे हैं अतुल्य गंगा इस परिक्रमा के दौरान लोगों को जागरूक करते हुए साथ में लोकल नागरिकों से वहां की गंगा के वस्तुतः स्थिति के बारे में जानकारी लिया जा रहा है अपनी गंगा ज्ञान बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ में अतुल्य गंगा वृक्ष माल अभियान को साकार करने हेतु ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा गंगा तट पर स्कूल कालेज मंदिर आदि जगहों पर न सिर्फ वृक्ष लगा रहे हैं बल्कि वृक्षों को बचाने हेतु उसके लोकल बैरकेटिंग करवा रहे हैं वृक्ष माल के दौरान अभी तक 4000 पौधे लगाए जा चुके हैं और 20000 पौधे वृक्ष प्रेमियों में वितरित किया जा चुका है अतुल्य गंगा के संस्थापक पूर्व सैनिक अधिकारी गोपाल शर्मा, मनोज केस्वर कर्नल और लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी के द्वारा गंगा को फिर से निर्मल व अविरल बनाने के लिए 11 वर्ष का एक संकल्प किया गया है और उसका शुरुआत 2020 में मुंडमाल गंगा परिक्रमा के रूप में शुरू किया जा चुका है गंगा पदयात्रा में मुख्यरूप से हीरेन पटेल, कर्नल आरपी पांडेय, रोहित उमराव, रोहित जाट, शगुन त्यागी आदि रहे।