डिजिटल डेस्क, चुनार।
हज़रत क़ासिम शाह सुलेमानी के दरबार में लगने वाले चैती मेले का शुभारंभ। मेले के प्रथम दिवस पर बाबा के मजार पर जियारत करने के लिए जायरिनों की उमड़ी शैलाब।
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चैत मास के पांच जुमरात पर लगने वाले मेले में बाबा के दरबार में मन्नतें मांगने आते हैं वहीं कुछ मन्नतें पुरी होने पर दरबार में चादर चढ़ाने देश विदेश से भारी संख्या में जायरिन आते रहे हैं।मेले में लगभग दो दशक पूर्व ब्यवसायी एक माह तक दुकानों को सजा कर रखतें थे लेकिन समय के अनुसार सबकुछ बदलते परिवेश में दरगाह खलिफा के द्वारा आर्थीक शोषण के शिकार ब्यवसायियो ने भी अपने अपने दुकानों को केवल जुमेरात के दिन ही दुकान सजाने लगे हैं।
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दुसरे दिन अल सुबह ही दुकान हटाने की जुगत में पड़ जाते हैं बार बार आने जाने व दुकान सजाने से ब्यवसायियो को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। अपने निजी साधनों के द्वारा दुर दराज से आने वाले अपने वाहनों को खड़ा करने के लिए अच्छी खासी मशूलअदा करनी पड़ती है और पड़े भी न कर्मों वाहन स्टैंड को अच्छे खासे धन लेकर ठेके पर दे दिया जाता है जो वास्तविक लिखा पढ़ी में कुछ और रहता है।
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लिखित धनराशि से लगभग पांच गुना ज्यादा जमा कराया जाता है जिसका शिकार मेले में आने वाले दुर दराज के जायरिनों को वाहन खड़ा करनें के लिए भुगतना पड़ता है।