मिर्जापुर।
पू.उ.प्र.क्षेत्र के प्रांत कार्यवाह प्रचारक के 14 अप्रैल बैठक का निष्कर्ष निम्नवत रहा, बिन्दुवार देखें
1)महानगरों मे कोरोना प्रकोप को देखते हुए प्रत्यक्ष शाखा को अस्थायी रूप से स्थगित किया जाए और विकल्प के तौर पर गत वर्ष लाकडाउन अवधि के समय अपनाये गये सारे प्रयोग यथा कुटुम्ब शाखा,आनलाइन शाखा इत्यादि शुरू हो।अपने कार्यकर्ताओं से सम्पर्क जीवन्त बना रहे।
2)महानगरों के अतिरिक्त अन्य नगरकेन्द्र अथवा जहां कोरोना प्रकोप का प्रसार बढ़ाव पर हो वहां भी,स्थानीय लोगों से विचार कर यह निर्णय लागू कर सकते है।
3) ग्रामीण क्षेत्र,जहां कोरोना का प्रभाव नगण्य है,शाखा चलने दें।मगर सभी को शाखा आना ही है,इसका विशेष आग्रह न हो।
4)हर हाल में अपने कार्यकर्तागणों से संवाद बना रहे,उनका हाल चाल लेते रहे तथा सबका मनोबल बना रहे,यह दायित्व हम स्वीकार करें।संवाद हेतु हम मा.संघचालक जी तथा पुराने कार्यकर्ताओं का उपयोग करें व अपने सुप्त शक्ति को भी सक्रिय कर सकते है।
5)प्रांत केन्द्र पर नित्य रात 9 बजे तक नीचे से समाचार एकत्र हो।प्रांत केन्द्र पर 2 सक्षम कार्यकर्ता नाम तय करें जो सभी स्थानो की जानकारी एकत्र करे,उसे व्यवस्थित रखे, समन्वय,सहयोग में भूमिका निभा सके।
6)प्रचारक,पूर्णकालिक कार्यकर्ता यदि ग्रामीण क्षेत्र में है तो उन्हे नगरों में आने से बचाया जाए
7)सेवा भारती या अन्य सेवा संगठन के बैनर पर हम अपने क्षेत्र में, सुरक्षा का ध्यान रखकर, आत्मबल के साथ समाज में सेवा कार्य में लगे रहे।इस समय समाज का प्रबोधन,जागरूकता,वैक्सीनेशन में सहयोग व अन्य आवश्यक कार्य हम कर सकते हैं।
8)इस कठिन समय में भी समाज हताश न हो,आत्मबल बना रहे इस हेतु सामाजिक सद्भाव क्षेत्र के नेतृत्वकर्ताओं से सहयोग लेकर उनके अनुयाइयों को सक्रिय करें।
9)सेवा कार्य हमें करना पड़ेगा अत: इसमें योगदान करने वालों से हम अनौपचारिक सम्पर्क बना कर रखे।
10)ध्यान रहे कि
हम प्रत्यक्ष शाखा स्थगित कर रहे है अपनी गतिविधियां नही इसलिए संकट काल में हमारी क्रियाकलाप का रूप बदलेगा,सक्रियता तथा समाज में भूमिका बढ़ेगी।कार्यकर्ता निर्माण व समाज सेवा का कार्य अनवरत चलता रहेगा।
11)इस समय प्रवास,बैठकें आनलाइन चलेगा।
क्षेत्र कार्यवाह वीरेंद्र ने प्रांत के सभी कार्यकर्ता, स्वयंसेवक बन्धुओं को क्षेत्र के सभी अधिकारियों को अनंत शुभकामनायें देते हुए कहा है कि ‘2 गज दूरी, मास्क जरूरी’ इसका जरुर ध्यान रखें।