अहरौरा।
एक सौ एक वर्ष की आयु में नक्की दादा का आज स्वर्गवास हो गया। अहरौरा में मात्र एक शेष बचे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नक्की दादा आज नहीं रहे। इनके पार्थिव शरीर में सीओ मड़िहान, उप जिलाधिकारी चुनार, नगरपालिका अध्यक्ष अहरौरा, थाना प्रभारी अहरौरा सहित सैकड़ों गणमान्य लोगों ने भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। अहरौरा प्रशासन ने इनके पार्थिव शरीर को गार्ड आफ आनर दिया।
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नक्की दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ ही साथ वैद्य भी थे। जड़ी बूटियों की जानकारी इनकी बहुत अच्छी थी और निशुल्क असाध्य रोगों का उपचार भी किया करते थे। इनके जाने से आज पूरा अहरौरा स्तब्ध है और अपने आप को सूना महसूस कर रहा है क्योंकि ये अत्यंत लोक प्रिय समाजसेवी थे जो किसी के बीमार होने की सूचना पर उनके दरबाजे पर पहुंच कर दवा आदि की जानकारी दिया करते थे।
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आजादी के समय वन्देमातरम की गूंज का स्वर बुलंद करने वाले वीर सपूत नक्की दादा वैकुण्ठ लोक की यात्रा पर प्रस्थान कर गये।सुबह नक्की दादा का देवावसान हुआ था और शामं काल लगभग छ बजे इनके पार्थिव की विदाई दी गई।