0 जय मां दुर्गा जय मां तारा दयामयि कल्याण करो का कर रहे कीर्तन
मिर्जापुर।
श्री विंध्य पंडा समाज की बैठक में आम सहमति के उपरांत बढ़ते कोविड प्रकोप को देखते हुए चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर आम दर्शनार्थियों के लिए मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन प्रतिबंधित होने के उपरांत विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी व सदस्यों ने नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र के नेतृत्व में मंदिर परिसर में ही जगत कल्याणार्थ सामूहिक भजन कीर्तन शुरु कर दिया है।
नगर विधायक श्री मिश्र ने रविवार को लाक डाउन के दौरान दर्शनोपरांत कोविड-19 महामारी से लोगों की रक्षा हेतु मंदिर प्रांगण में भजन शुरु कर दिया है। मां जगत का कल्याण करें और कोरोना जैसे महामारी से लोगों को बचाएं।
उल्लेखनीय है कि पं. रत्नाकर मिश्र नगर विधायक के साथ साथ विंध्य धाम के न सिर्फ तीर्थ पुरोहित बल्कि एक अच्छे साधक भी है, जो नवरात्रि के समय पहाड़ पर बने कुटिया में भजन और ध्यान में लीन रहते हैं।
विंध्याचल स्थित मां विंध्यवासिनी दरबार से लगभग 6 किलोमीटर दूर विंध्य पर्वत श्रृंखला में तल्लीन रहते हैं। विधायक विगत 26 वर्षों से लोक कल्याण, राष्ट्रहित एवं सनातन धर्म स्थापना के उद्देश्य से अपने युवावस्था से ही वेदमाता गायत्री की आराधना प्रत्येक वर्ष लगातार 17 दिन तक घर परिवार छोड़कर इसने पर्वत की श्रृंखला में करने के लिए निवास करते है। उन्होंने बताया कि अब से 26 वर्ष पहले जब हमने वेदमाता गायत्री की आराधना का शुभारंभ विंध्य पर्वत श्रृंखला पर किया था तो उन दिनों तरह-तरह के जंगली जीव जंतु भी इधर से गुजरते थे, किंतु बचते बचाते अपने आराधना में लगा रहते थे।
बता दें कि नगर विधायक श्री मिश्र कार्तिक छठ से अपने 17 दिवसीय गैरसांसारिक, गैर राजनैतिक, बल्कि यूं कहें कि पूर्ण वानप्रस्थ जीवन में विंध्य पर्वत श्रृंखला में वेदमाता गायत्री की आराधना शुरू करते हैं। वह प्रत्येक दिन अर्धरात्रि के बाद 2:40 बजे जागरण करते हैं और पूरे दिन नित्य क्रिया आदि से निवृत होने के साथ ही वेदमाता गायत्री की आराधना में लोक कल्याण के लिए लीन रहते हैं। उनका यह आराधना लगातार 17 दिन तक प्रत्येक वर्ष चलता आ रहा है। भजन कीर्तन के दौरान
प्रमुख रूप से नगर विधायक पंडित रत्नाकर मिश्र, श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, उपाध्यक्ष प्रहलाद मिश्र, मंत्री भानु पाठक, सह मंत्री प्रशांत द्विवेदी, कोषाध्यक्ष तेजन गिरी, मंदिर व्यवस्था प्रमुख गुंजन मिश्र, मंदिर सह व्यवस्था प्रमुख लाल बहादुर गिरी आदि मौजूद रहे।