घटना दुर्घटना

बीमारी से पति की मौत के बाद सदमे मे पत्नी ने भी खुद को आग के हवाले कर जीवनलीला की समाप्त

मिर्जापुर।

साथ जिएंगे साथ मरेंगे की कहावत उस समय चरितार्थ हो गई जब बिंध्याचल थाना क्षेत्र के गैपुरा गांव मे बीमारी से पति की मौत के बाद सदमे मे पत्नी ने भी खुद को आग के हवाले कर जीवनलीला समाप्त कर लिया। पांच बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ जाने को लेकर गांव मे सियापा छा गया।

गांव निवासी विनोद कुमार पांडेय 42 पुत्र शेषधर पांडेय बीते एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। नगर क्षेत्र के एक निजी अस्पताल मे उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार की दोपहर मे उनकी मौत हो गई। उनका शव घर पहुंचने पर कोहराम मच गया। पत्नी मांडवी ने जैसे ही पति का शव देखा वह विचलित हो उठी। अफरा तफरी के माहौल मे वह चुपके से अपने कमरे मे अंदर गई तो दो बच्चे भी साथ हो लिए। बच्चों को गले लगाया फिर यह कहकर बाहर भेज दिया कि तुम्हारे पापा सो रहे थे अब जाग गए हैं।

चंद पलों में ही कमरे के अंदर से धुआं निकलते देख लोग दौड़ पड़े। किसी तरह दरवाजा खोला तो 95 फीसदी जली अवस्था मे उसे लेकर नगर की ओर अस्पताल मे भर्ती कराने के लिए चल दिए। बिंध्याचल के पास रास्ते मे ही मौत हो गई। मृतका तीन लड़कियों खुशी 16 सृष्टि 14 पलक 12 किशन दस उत्कर्ष आठ की मां थी। शिवपुर के रामगया घाट पर पति – पत्नी की चिता साथ सजी। इस मनहूस घड़ी मे परिजनों की चित्कार से लोगों का कलेजा मुंह को आ रहा था।

विनोद कुमार पांडेय ने कम ही उम्र मे अपनी सामाजिक पहचान बनाई

विनोद कुमार पांडेय ने कम ही उम्र मे अपनी सामाजिक पहचान बनाई थी। वैद्य श्रीकांत इंटर कालेज के अलावा एक निजी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक थे। कांग्रेस पार्टी मे उनकी अच्छी पैठ थी। ब्लाक अध्यक्ष से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी रह चुके थे। कांग्रेस पार्टी के समर्थन से छानबे वार्ड नंबर एक से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे। उनके पिता शेषधर पांडेय अधिवक्ता हैं। जबकि बाबा श्रीकांत पांडेय वैद्य के रूप मे उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश के लोगों मे लोकप्रिय थे। मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वभाव का होने के कारण वे सभी दलों के लोगों मे स्वीकार्य थे। पति-पत्नी की दुखद मौत को लेकर गैपुरा एवं आसपास के गांवों मे सन्नाटा पसरा रहा।

लोगों को मलाल इस बात का था कि पति की तो बीमारी से मौत हुई। मां ने बच्चों से नाता क्यों तोड़ लिया। पति के साथ ही प्राण त्यागने की जिद ने बच्चों को भी भुला दिया।थी। वैद्य श्रीकांत इंटर कालेज के अलावा एक निजी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक थे। कांग्रेस पार्टी मे उनकी अच्छी पैठ थी। ब्लाक अध्यक्ष से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी रह चुके थे। कांग्रेस पार्टी के समर्थन से छानबे वार्ड नंबर एक से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे। उनके पिता शेषधर पांडेय अधिवक्ता हैं।

जबकि बाबा श्रीकांत पांडेय वैद्य के रूप मे उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश के लोगों मे लोकप्रिय थे। मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वभाव का होने के कारण वे सभी दलों के लोगों मे स्वीकार्य थे। पति-पत्नी की दुखद मौत को लेकर गैपुरा एवं आसपास के गांवों मे सन्नाटा पसरा रहा। लोगों को मलाल इस बात का था कि पति की तो बीमारी से मौत हुई। मां ने बच्चों से नाता क्यों तोड़ लिया। पति के साथ ही प्राण त्यागने की जिद ने बच्चों को भी भुला दिया।

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