मिर्जापुर।
15 से 20 वर्षों से उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षामित्र के रूप में सेवा दे रहे युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई ठोस पहल न किए जाने से स्कूल स्कूल में शिक्षा की ज्योत जलाने वाले शिक्षामित्र अब अपना राजनीतिक सफर शुरू कर दिए हैं। जनपद मिर्जापुर में ही कई शिक्षामित्रों ने अपने पद से इस्तीफा देकर पंचायत चुनाव लड़ा और उसमें अच्छे होठों से जीत दर्ज करा कर शासन प्रशासन को यह बताने का काम किया है भले ही सरकार इनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर पा रही है लेकिन आम जनता शिक्षा मित्रों के साथ हैं।
मझवां विधानसभा में सिटी विकास खंड अंतर्गत वीरपुर गांव निवासी पुष्प लता बिंद ने लगभग 1 वर्ष पूर्व शिक्षामित्र पद से त्यागपत्र देकर मझवा विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने का संकल्प लिया और बसपा के बड़े नेताओं की उपस्थिति में पुष्प लता को मझवा विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया गया।
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इसी तरह राजगढ़ विकास खंड के खटखरीया गांव निवासी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर तैनात बृजेश कुमार यादव ने शिक्षामित्र पद पर रहते हुए अपने पत्नी को ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ाया। पंचायत चुनाव में शिक्षामित्र बृजेश की पत्नी को जनता 551 मत से जीत दर्ज करा कर यह बताने का काम किया कि भले ही सरकार इनकी समस्याओं और उनके भविष्य को लेकर संजीदा नहीं है लेकिन जनता शिक्षा मित्रों के साथ आज भी है।
इसी तरह हलिया विकास खंड के देवहट ग्राम पंचायत की जनता ने शिक्षामित्र पद से त्याग पत्र देकर चुनाव मैदान में कूदे शिक्षामित्र कौशलेन्द्र कुमार भारी मतों से विजई बनाया। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन में पदाधिकारी रहे बृजेश कुमार यादव ने बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षा मित्र अपने वजूद की तलाश में है और जब और जिस क्षेत्र में उसे मौका मिल रहा है वह शिक्षा की ज्योति जलाकर घर-घर में रोशन करने के अपने मूल दायित्व से अलग होकर मजबूरन राजनीति का सफर शुरू कर रहे हैं। यह निश्चित रूप से शासन प्रशासन को आईना दिखाने जैसा है।
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शिक्षामित्र कौशलेन्द्र कुमार बने देवहट ग्राम प्रधान
० समाजसेवा करने की इच्छा प्रबल हुई तो शिक्षामित्र पद से त्यागपत्र दे कूदे चुनाव मैदान में
० पहली बार में ही देवहट ग्राम पंचायत की जनता ने बनाया भारी मतों से विजई
ज्ञानदास गुप्त
ड्रमंडगंज (मिर्जापुर)।
हलिया ब्लाक के सबसे महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत देवहट (ड्रमंडगंज) के इतिहास में एक और कड़ी जुड़ गयी, जिसमें कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता का नाम शामिल हो गया। कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता की समाजसेवा करने की इच्छा प्रबल हुई तो उसने सरकारी नौकरी शिक्षामित्र से त्यागपत्र देकर अपनी जन्मभूमि देवहट-ड्रमंडगंज से ग्राम पंचायत के चुनाव को ही माध्यम बनाया। पहली बार में ही कौशल गुप्ता को देवहट ग्राम पंचायत की जनता ने भारी मतों से विजई बनाकर समाजसेवा करने का अवसर दे दिया। पंचायत चुनाव 2021का जब विगुल बजा तो देवहट ग्राम पंचायत के चारों ओर से कौशल गुप्ता-कौशल गुप्ता की आवाज आने लगी। हालांकि कुछ विरोध के स्वर भी सुनने को मिले लेकिन उसका असर नहीं पड़ा।देवहट ग्राम पंचायत के प्रधान पद के लिए कुल छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। 2 मई को मतगणना शुरू हुई तो शुरुआत में त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिली।
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चौथे चक्र की मतगणना तक कौशलेन्द्र कुमार ने निर्णायक बढ़त बना ली थी। पांचवें चक्र में स्थिति स्पष्ट हो गई। अंतिम चक्र की मतगणना के बाद कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता को कुल 925वैध मत मिले और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व प्रधान मंगल दास जायसवाल को 648मतों से ही संतोष करना vo पड़ा।277मतों से कौशल जी को विजयी घोषित कर निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने कौशलेन्द्र कुमार को देवहट ग्राम पंचायत के प्रधान पद का प्रमाण पत्र जारी किया।
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कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता की 5 नवम्बर 2007 में प्राथमिक विद्यालय देवहट (खरका) में शिक्षामित्र पद पर नियुक्ति हुई। 2015-2017 तक कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता का समायोजन प्राथमिक विद्यालय कवलझर, हलिया में अध्यापक पद किया गया था। 2017 के बाद से कौशलेंद्र गुप्ता जी पुनः प्राथमिक विद्यालय देवहट (खरका) में शिक्षामित्र पद पर कार्यरत हो गये। 6अप्रैल 2021 को कौशलेन्द्र कुमार गुप्ता ने शिक्षामित्र पद से त्यागपत्र देकर देवहट ग्राम पंचायत के चुनाव मैदान में कूद पड़े और 2 मई 2021 को कौशलेन्द्र कुमार को देवहट ग्राम पंचायत के प्रधान पद का प्रमाण पत्र मिल गया।
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शिक्षामित्र की पत्नी बनी ग्राम प्रधान
मिर्जापुर।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के राजगढ़ विकास खंड अंतर्गत खटखरीया गांव के लोगों ने शिक्षामित्र की पत्नी को ग्राम प्रधान बना कर यह विश्वास दिलाया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने भले ही शिक्षा मित्रों को नकारने का काम किया हो, लेकिन जनता उनके साथ है।खटखरीया गांव के ग्रामीणों ने शिक्षामित्र बृजेश यादव की पत्नी पूनम देवी ने 511 मत से अपने प्रतिद्वंदी को शिकस्त दिया है। राजगढ़ स्थित मतगणनााा स्थल पर रिटर्निंग अफसर उपायुक्तत ग्रामोद्योग वीके चौधरी ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान पूनम देवी को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। शिक्षामित्र बृजेश यादव ने समसत ग्राम वासियों को बधाई दी है और कहांं है कि गांव केेे विकास में किसी भी प्रकार का कोर कसर नहीं रखा जाएगा। आन वाले 5 सालों में जल जंगल जमीन जानवर और जन सेेे जुड़े सरोकार के मामलों पर कार्य करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। बृजेश यादव नेे कहाउत्तर प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों को अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति में हिस्सेदारीी करने की आवश्यकताा है।
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