मिर्जापुर।
गुडवीव इंडिया टीम की ओर से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर वर्चुअल बाल मजदूरी और बचपन विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें जिसमें मिर्जापुर, वाराणसी और भदोही के 73 बच्चों ने भागीदारी किया। सभी ने विषय पर अपना पक्ष रखा और बताया कि बाल मजदूरी किसी भी बच्चे के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक सभी पर अपना बुरा प्रभाव डालता है।
इस अवसर पर गुडवीव इंडिया के क्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र कुमार मौर्य ने कहा कि बाल श्रम हमेशा से समाज के लिए अभिशाप रहा है जो जीवन के सबसे सुनहरे समय बचपन को बच्चों से छीन लेता है और उन्हें जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर बड़ों जैसी जिंदगी बिताने के लिए मजबुर कर देता है।
समाज को बाल श्रम मुक्त बनाने और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से गुडवींव इंडिया द्वारा सह प्रबंधक जयप्रकाश के नेतृत्व में करसड़ा, सेमरी, रामापुर, गोबर्धनपुर सहित मिर्जापुर, भदोही और वाराणसी के 11 समुदाय में एक मुहिम चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य है कि यहां के 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चे शिक्षा से जुड़ें।
इसके लिए समय समय पर कार्यक्रम आयोजित कर समुदाय के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाता रहा है। इस दौरान उन्हें बाल मजदूरी से बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाता है और उन्हें शिक्षा का महत्व समझाते हुए बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाता है। साथ ही एनएसजी और ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन स्कूल में करवाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस समय जब स्कूल बंद हैं तो ऑनलाइन वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को शिक्षा में सहयोग किया जा रहा है, जिससे बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहें इस दौरान संस्था द्वारा पहले ही 1800 बच्चों को स्टेशनरी का सामान दिया गया था जिससे उन्हें शिक्षा में कोई बाधा न आए।
गुडवीव इंडिया टीम के इस प्रयास से अब तक कई बच्चों जो बाल मजदूरी की तरफ बढ़ रहे थे उन्हें वापस शिक्षा से जुड़ने में मदद मिली और वो आज अच्छी पढ़ाई कर रहे है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में अन्य क्षेत्राधिकारी डॉ.भोलानाथ मौर्य, हीरामणी और शोएबा अंसारी सहित अनीता, नंदनी, इंदु, बिंदु, संगीता, पंचदेव, प्रमिला, रेनू, सरिता, रिशु ज्योती, अजरा खातून, सुशीला देवी, दीपा, निशा, नीलम आदि का सराहनीय सहयोग रहा।