एजुकेशन

बेसिक शिक्षा में एनजीओ के प्रवेश को रोकने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने आयोजित की ऑनलाइन बैठकें

0 शासन के समक्ष प्रभावी शिक्षण विकल्प प्रस्तुत किए 
मिर्जापुर।
    कोरोना काल मे परिषदीय विद्यालयों में कक्षा शिक्षण बन्द चल रहा है। शिक्षक व बच्चों में संसाधन के अभाव में शिक्षण से न जुड़ पाने के कारण विभाग द्वारा विकल्प के रूम में खाना पूर्ति के लिए एनजीओ को हस्ताक्षेप बढ़ा रहे हैं। बेसिक शिक्षा में एनजीओ के प्रवेश का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने विरोध किया, तो विभागीय मंत्री व अधिकारियों ने कोरोना काल में शिक्षा से वंचित इन बच्चों को शिक्षण हेतु विकल्प सुझाने के लिये कहा उसी क्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उ.प्र. द्वारा प्रत्येक जनपद के  शिक्षा के क्षेत्र में प्रयासरत दो-दो अनुभवी व पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठकर की गई। सुविधा विहीन छात्रों को शिक्षण गतिविधियों में शामिल करने के लिए आनलाइन शिक्षण से इतर अन्य प्रभावी शिक्षण गतिविधियों एवं तकनीकों पर विचार विमर्श के लिए 20 से 22 जून तक छः सत्रो में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जनपदवार ऑनलाइन जूम बैठक आयोजित कीं।
 
    विंध्याचल मण्डल, मीरजापुर अध्यक्ष अखिलेश मिश्र ‘वत्स’ के साथ सोनभद्र जनपद से राम किशुन (प्रधानाध्यापक ) कम्पोजिट विद्यालय रघुनाथपुर, हिमांशु मिश्र (स.अ.) कम्पोजिट स्कूल ढोलो तथा अशोक त्रिपाठी व इंदुप्रकाश, रविकांत, सुमित, डेविड। भदोही जनपद से रत्नेश कुमार पाण्डेय (एसआरजी), चंद्रभूषण यादव (सअ) प्राथमिक विद्यालय नंदापुर व राम कुमार दुबे, जगदीशचन्द्र श्रीवास्तव, देवेंद्र विश्वास तथा मीरजापुर जनपद से  शिवेश नंदन श्रीवास्तव (सअ) प्रा वि बिन्दपुरवा खुर्द, सोनाली प्रिया गौड़ ( स.अ.) प्रावि छविनाथपुर व दीपक सिंह, गणेश ओझा, विमलेश कुमार, अविनाश चौधरी आदि द्वारा प्रतिभाग किया कर अपने विचारणीय सुझाव महासंघ के साथा साझा किए।
       छः सत्रों के जूम बैठक का संयोजन प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने व संचालन संयुक्त रूप से प्रदेश मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव तथा प्रदेश संयुक्त मंत्री शशांक पाण्डेय ने किया। जिसमें तकनीकी सहयोग बरेली मण्डल के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने किया तथा सत्रवार बैठकों की अध्यक्षता क्रमशः प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह एवं प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने किया। प्रतिभागी शिक्षकों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। जिनका संकलन कर जल्द ही विभाग के अधिकारियों व मंत्री से मुलाकात कर  शिक्षा व छात्र के विकास के लिए शिक्षक द्वारा दिये गए सुझाव सौपें जायेगें।
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