अभिव्यक्ति

1975 के आपातकाल का विचार परिवार ने जताया सांकेतिक विरोध

०  वक्ता ने कहा- कांग्रेस सरकार में लोकतंत्र को कुचलने की की गयी साजिश
० आपातकाल में जेल गये लोकतंत्र सेनानियों को पार्टी कार्यालय पर किया गया सम्मानित
मिर्जापुर।
कांग्रेस की तत्कालीन सरकार द्वारा 25 जून 1975 को लगाये गये आपातकाल के विरोध में शुक्रवार की दोपहर जिला अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की अध्यक्षता में बरौंधा कचार स्थित पार्टी कार्यालय पर सांकेतिक विरोध का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विंध्य विभाग प्रचारक संतोष जी रहे।
       बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 21 महीने का आपातकाल लगाया गया था। जिसे भारतीय राजनीति का काला दिवस भी कहा जाता है। इसी आपातकाल के विरोध में भाजपा के तमाम जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों द्वारा पार्टी कार्यालय पहुँचकर सांकेतिक विरोध दर्ज कराया गया। आपातकाल मे जेल गये उपस्थित सभी लोकतंत्र सेनानियों को भाजपा कार्यालय में प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
इस मौके पर  मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विंध्य विभाग प्रचारक संतोष जी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से लोकतंत्र को कुचलने की साजिश की गयीं थी। 21 महीने के आपातकाल के दौरान कई दिग्गज नेताओं सहित अन्य को भी सलाखो के पीछे भेज दिया गया था। भाजपा के कद्दावर नेता अटल बिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी को भी जेल में जाना पड़ा था। विपक्ष की एकजुटता का असर था कि कांग्रेस को 21 महीने के बाद आपातकाल को हटाना पड़ा।आपातकाल लगाने के ही कारण कांग्रेस को 1977 में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।
चेयरमैन मनोज जायसवाल ने कहाकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतांत्रिक तरीके से ही हमारा देश चलता है। यहाँ अलोकतांत्रिक गतिविधियों के लिये कोई जगह नहीं है।
  इस मौके पर लोकतंत्र सेनानी के जिलाध्यक्ष राकेश शुक्ला, जिला महामंत्री रामेश्वर सिंह, नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, विधायक शुचिस्मिता मौर्या, हरिशंकर सिंह पटेल, आशुकान्त चुनाहे सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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