विन्ध्याचल (मीरजापुर)।
विन्ध्यवासिनी मन्दिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन का रुख काफी गम्भीर दिखा। विगत कुछ सप्ताह से लगातार मन्दिर पर दुर्व्यवस्था को लेकर काफी शिकायतें आलाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होती रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन बिंदुओं को संज्ञान लेकर आलाधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया। वहीं लखनऊ में पकड़े गए दो संदिग्ध दहशतगर्दों के पश्चात प्रदेश के प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों को लेकर हाई अलर्ट घोषित है। इनदोनो मुद्दों के दृष्टिगत मंगलवार की रात्रि करीब नौ बजे मन्दिर के समीप स्थित प्रशासनिक भवन में नगरमजिस्ट्रेट विनयकुमार सिंह व क्षेत्राधिकारी सदर प्रभात राय ने पण्डासमाज के पदाधिकारियों को बुलाकर एक बैठक की।
बैठक में काफ़ी देर तक विचार विमर्श के पश्चात कुछ अहम निर्णय लिए गए। बुधवार की सुबह से मन्दिर पर लागू किये गए नियमों के अंतर्गत निकास दरवाजे से किसी भी दर्शनार्थियों के लिए प्रवेश निषेध कर दिया गया। चरणस्पर्श के लिए भी समय निर्धारित किया गया। अब प्रातः होने वाली मंगला आरती से लेकर शाम चार बजे तक आम दर्शनार्थियों के साथ किसी विशिष्ट को भी चरणस्पर्श नही करने दिया जाएगा। मन्दिर में प्रवेश के लिए एक आकस्मिक मार्ग आरक्षित किया गया है। इस मार्ग से मात्र विशिष्ट दर्शनार्थियों का प्रवेश व आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाओं का ही उपयोग किया जा सकेगा। सुरक्षा के दृष्टिगत अब से समस्त वाहनों को पचास मीटर की दूरी से अवरोधक लगाकर रोका जाना तय किया गया। कोतवाली मार्ग, पुरानी व्हीआईपी मार्ग, न्यू व्हीआईपी मार्ग व पक्काघाट मार्ग चारों मार्गो पर यह व्यवस्था लागू होगी। मन्दिर के सन्निकट लोगो को वाहन पास नगरमजिस्ट्रेट द्वारा जारी किया जाएगा। मन्दिर के चारो तरफ पचास फिट के दरम्यान चटाई बिछाई जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को पैर में धूप से जलन में निजात मिल सके।
बैठक के पश्चात जिलाप्रशासन व पण्डासमाज के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण भी किया। इस दौरान पण्डासमाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी, मंत्री भानु पाठक , व्यवस्थाप्रमुख गुंजन मिश्र, पूर्व अध्यक्ष राजन पाठक, केदार भंडारी, अजय दुबे थानाप्रभारी शैलेश राय, मन्दिर सुरक्षा प्रभारी रविन्द्र यादव, मन्दिर चौकी प्रभारी इंदुभूषण मिश्र इत्यादि लोग मौजूद रहे।