जमुई।
चुनार तहसील प्रांगण में भारतीय किसान सेना के नेतृत्व में बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा हेतु धरना देकर उपजिलाधिकारी चुनार को राष्ट्रपति महोदय हेतु ज्ञापन भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राम राज पटेल के नेतृत्व में दिया गया। डॉक्टर पटेल ने कहा कि हम भारत के किसानों का दुर्भाग्य है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी किसान आयोग नहीं बना जो किसान हित में काम करें, किसानों के फसलों का दैवीय आपदा में भारी नुकसान होने पर सरकार द्वारा मामले मुआवजा दे दी जाती है जबकि खेती में व्यवसाय की तरह भारी लागत लगाना पड़ता है।
जैविक खाद लेते समय किसान से बीमा का प्रीमियम किसान क्रेडिट कार्ड में लिया जाता है, तब दुख की बात यह है कि किसानों के बीमा का पैसा नहीं मिलता है। इस प्रकार ज्ञापन में यह भी मांग किया गया कि विगत दिनों बाढ़ से चुनार तहसील के नारायनपुर व सीखड़ ब्लॉक के दर्जनों गांव में किसानों के फसलों का काफी नुकसान हुआ, जिसे सर्वे कराकर सरकार फसलों का मुआवजा देने का काम करें,बाढ़ हटने के बाद मच्छरों के प्रभाव से संक्रमण फैल रहा है।
ऐसी स्थिति में सभी गांव में डीडीटी का छिड़काव कराया जाए, जंगली जानवर जैसे सूअर, नीलगाय, आवारा पशुओं द्वारा फसल की काफी क्षति हो जाती है। इनके संरक्षण की व्यवस्था की जाए। किसान विरोधी तीनों कानून को वापस लिया जाए , रैपुपुरिया, जलालपुर माफी, सहसपुरा इत्यादि विभिन्न गांवों में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है उसे नियंत्रण करने का उपाय किया जाए, सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी दिया जाए ,तथा किसानों को 5000 रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाए आदि मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए, अन्यथा किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगें। मुन्ना चौबे सुरेंद्र सिंह पटेल, अली जमीर खां, दीनानाथ सिंह इत्यादि प्रमुख लोगों के साथ काफी संख्या में किसान मौजूद थे।