स्वास्थ्य

जिलाधिकारी ने वार्ता कर जनपद में डेंगू नियंत्रण की कायर्योजना के बारे में दी जानकारी

० लक्षण, उपचार व बचाव के जनजागरूकता पर दिया बल

० डेंगू के नियंत्रण हेतु जागरूकता ही मुख्य बचाव  -जिलाधिकारी

मीरजापुर।  जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस प्रतिनिधियो से वातार् कर डेंगू रोग के नियंत्रण की कायर्योजना के बारे मंे विस्तृत जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश कई जनपदो में डेंगूू रोग के बढ़ने की शिकायते मिल रही हैं। जनपद मीरजापुर में भी डेंगू रोग के बचाव व उपचार  के लिये कायर्योजना बनाकर कायर् किया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि डेंगू रोग के नियंत्रण व बचाव के लिये तथा उसके लक्षण की जानकारी के लिये कायर्योजना बनाकर जनपद में हैण्डबिल, होडिर्ग व वाल राइटिंग अन्य विभिन्न तरीको से जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रचार प्रसार कराया जा रहा हैं।

उन्होने कहा कि स्वास्थ विभाग की टीम बनायी गयी है जो ग्रामीण स्तर पर घर-घर जाकर लोगो से वातार् कर पूछेगी कि उनको बुखार, खांसी आदि है या नही। जिला अस्पताल में डेडीकेटेड वाडर् बनाकर चिकित्सको की तैनाती की गयी हैं। डेंगू रोग में मुख्यतः प्लेटलेटस कम हो जाती है जिसके दृष्टिगत चिकित्सको निदेर्श गये है प्रत्येक व्यक्ति की प्लेटलेटस टेस्ट किया जाये जिससे उसकी मानिटिरिंग हो सकें। उन्होने कहा कि जिसका प्लेटलेटस काफी कम हो ऐसे मरीज का तत्काल उपचार के निदेर्श दिये गये हैं।

उन्होने बताया कि सफाई व्यवस्था के  लिये ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रो में अनवरत करायी जा रही हैं।  जिलाधिकारी ने बताया कि 01 जुलाई 2021 से अब तक 16 केस रिपोटर् किये गये हैं। आज के दिनांक में सभी का इलाज हो चुका हैं किसी प्रकार दुघर्टना जनपद में नही हुयी हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि डेंगू रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि अत्यधिक ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार, सरददर्, बदन ददर्, आखो के पिछले हिस्से मंे ददर्, शरीर पर लाल गुलाबी रंग के चकत्ते पड़ना, कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मिचलना डेंगू की  गम्भहर स्थिति में नाक, मुह आदि से रक्त बहना आदि लक्षण दिखते हैं।

उन्होने डेंगू के उपचार के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि साधारण बुखार में उपचार व देखभाल घर पर की जा सकती है डाक्टर की सलाह पर बुखार कम करने के लिये  पैरासीटामाॅल ले सकते हैं। उन्होने कहा कि इसके अतिरिक्त अधिक बुखार होने पर बिना चिकित्सक के सलाह के कोई दवा न लें। बचाव की जानकारी देते हुये कहा कि घर में कूलर, बाल्टी, घड़े तथा ड्रम का पानी साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहंेे। कूलर का पानी निकालने के बाद टंकी दीवारो को भली भाति साफ कर दें। घर के आस पास पानी एकत्रित न होने दें, घर के पानी भरे बतर्नो को ढक कर रखे , पूरी आस्तीन का कपड़ा पहनें, खुले भाग में मच्छर निरोधक औषिध लगाये तथा सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

उन्होने कहा कि डेंगू के नियंत्रण हेतु जागरूकता ही मुख्य बचाव हैं। डेंगू/चिकनगुनिया/मलेरिया से बचाव हेतु कायर्योजना के बारे में भी जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुये बताया कि मुख्य चिकित्साधिकारी, नगर पालिका परिषद/पंचायत नगर अहरौरा चुनार व कछवा को डेंगू एवं चिकिनगुनिया के रोकथाम हेतु निरंतर साफ-सफाई, एंटीलावार्, फागिंग कराने हेतु निदेर्शित किया गया है। नगरीय क्षेत्र में साप्ताहिक लावार् रोधी कीटनाशक का छिड़काव तथा ग्रामीण क्षेत्रो में आशा घर-घर जाकर घरेलू प्रजनन जाँच डी0बी0सी0 एवं लावार् स्रोतो की कटौती के लिये आवश्यक दिशा निदेर्श दिये गये हैं। सभी सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 केन्द्र को लावार्रोधी पयार्प्त मात्रा में उपलब्ध करा दिया गया हैं। उक्त कीटनाशक का छिड़काव आशा एवं ग्राम प्रधान के सहयोग ये सम्पादित किया गया हैं। डेंगू/चिकनगुनिया/मलेरिया के बचाव हेतु हैएडबिल सभी सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 केन्द्र को उपलब्ध करा दिया गया हैं।

इन्डोर स्पेस स्प्रे हेतु पायरेथ्रम कीटनाशक का घोल फाइलेरिया इकाई एवं सभी सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 केन्द्र को उपलब्ध करा दिया गया हैं। जनपद के सभी नगरीय एवं ग्रामीण सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 केन्द्र पर मलेरिया रोग की निशुल्क जाँच एवं आवश्यक दवा उपलब्ध हैं। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ पी0डी0 गुप्ता, जिला सूचना अधिकारी डा0 पंकज कुमार, अपर जिलाधिकारी सूचना अधिकारी ओम प्रकाश उपाध्याय व सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!