0 टूटे हुये टाइल्स व सीढ़ियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुये गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का डीएम ने दिया दिया निर्देश
मीरजापुर।
जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने आज नगर पालिका चुनार में निमार्णाधीन अपशिष्ट शोधन संयत्र (एस0एस0टी0पी0) का स्थलीय निरीक्षण किया। नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत जल निगम की गंगा प्रदूषण की संयत्र इकाई के द्वारा दो करोड़ चार लाख की लागत से निमार्णाधीन एस0एस0टी0पी0 परियोजना के निरीक्षण के दौरान कुछ टैंको में लगे टाइल्स के टूटे होने तथा सीढ़ियों पर टूट-फूट पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुये निदेर्शित किया कि तत्काल ठीक कराते हुये सभी कायोर् के निमार्ण में तथा सामाग्रियों के गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि चयनित पाकोर् में तत्काल प्लांनटेशन भी कराया जायें। अधिशाषी अभियन्ता गंगा प्रदूषण नियंत्रण श्री अफजल ने जिलाधिकारी को बताया कि दस हजार लीटर प्रतिदिन सोधन क्षमता वाले इस प्लांट के चालू हो जाने के बाद नगर में एक और प्लांट पाॅच हजार लीटर की सैफ्टिक टैंको का फिकल स्लज का ट्रीटमेंट कर फसलो के जैविक खाद बनायी जायेगी। जिसका सफल ट्रायल पूरा हो चुका है और चुनार क्षेत्र के लिये बड़ी उपलब्धी हैं। उन्होने बताया कि इस प्लांट में नगर से निकलने वाले मल का वैज्ञानिक तरीको से निपटान किया जायेगा इसके लिये प्लांट के अन्दर आठ गुणा सात वगर्मीटर के नौ पी0डी0पी0 (प्लांटेड ड्रांईग वेड) बनाये गये हैं। जिसमें स्लज मलवा से पानी और स्लज को अलग किया जायेगा इसके बाद आई0एस0एफ0 (इट्राग्रेटेड सेटलर एनऐरोबिक फिल्टर) द्वारा कम्पोस्ट बनाया जायेगा। सूखा मलबे को काबर्निक अपशिष्ट मिलाकर खाद तैयार की जायेगी।
उन्होने यह भी बताया कि चुनार नगर पालिका क्षेत्र में सीवर लाइन न होने के कारण लोगो को अपने-अपने घरो में सैफ्टिक बनवाना पड़ता है जिसके भर जाने पर खाली करने के लिये नगर पालिका से टैंकर मगवाकर घरो के टैंक से टैंकर में स्टोर करने के बाद उस स्लज/मल को ले जाकर खेतो या खुले स्थानों नाले/नालियों में फेका जाता था जिससे काफी गंदगी फैलती थी अब इस प्लांट के बनने से यह समस्या दूर हो जायेगी। इस अवसर पर अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका के अलावा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।