0 कांशीराम का निर्वाण दिवस मनाया गया
जमुई।
चुनार थाना क्षेत्र सरैया सिकंदरपुर विमल उत्सव वाटिका में कांशीराम का निर्वाण दिवस सुष्मागिरी साहित्यिक मंच चुनार मिर्जापुर द्वारा श्रद्धांजलि गोष्ठी एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज के कवियों ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और कांशी राम को युगपुरुष कहा, प्रमोद कुमार मौर्य निर्मल ने कहा- मैं तो भंवरा हूं हर कली के दोस्ती है मेरी। शीतल प्रसाद गौरव ने सुनाया- गिला मौत से नहीं जिंदगी को क्या कहूं। प्रियदर्शी अशोक सिंह मौर्य ने कहा -असंभव को संभव कर दिए कांशी राम ने एक दलित की बेटी को मुख्यमंत्री बना दिए।
अजय कुमार मौर्य विमल ने कहा -उच्च नीच व जाति धर्म में खोई अब मानवता है ।बंधु पाल बंधु ने सुनाया- यदि देश है वीर जवानों से, तो भरता पेट किसानों से ।नयन कुमार वर्मा ने सुनाया- पंछी पिजड़ा कबहो ना बंद रहिए, चाहे लोगवा कितने जतन करिहै। विमल दत्त ने कहा -पिपरा के डार बाबा पिपरवा के तरवा बुद्व जी ज्ञानवा पउवां पिपरा तारवा।
कवि राजेश विश्वकर्मा ने कहा – कांशी राम जी ने शोषित वंचित की सदा आवाज उठाते थे और समझ में नहीं आता कि क्या कहूं। मनीष सिंह ने कहा -जब क्रांति का रथ रुक जाए ,चिंतन पर थाई लग जाए तो समझो जीवन हार गया ।सुरेंद्रनाथ सिंह नाथ सोनांचलि ने सुनाया -रहन-सहन व बोली भाषा तीज और त्यौहार गजब।
डॉक्टर छोटेलाल सिंह ने कहा -जाने वाला चला गया अब किस पर सिंगार करुं ढाई अक्षर सुना सुना अब किसके लिए मैं प्यार करूं ।हरिवंश सिंह बवाल ने कहा- समानता के लिए पुरानी परंपरा तोड़ दो जयप्रकाश मौर्य ने कहा -कैसे उठे सच्चे कदम जब झूठ का हो सिलसिला । विभिन्न जाने-माने कवियों ने अपनी कविता के द्वारा खूब तालियां बटोरी ,संचालन हरिवंश सिंह बवाल ने किया, गोष्ठी में रंग बहादुर सिंह कुशवाहा, रमेश मौर्य, धर्मेंद्र कुशवाहा ,डॉक्टर सत्येंद्र मौर्य इत्यादि लोगों ने भी विचार व्यक्त किया तथा काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।