ज्ञान-विज्ञान

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की प्रथम रीजनल कार्यशाला सम्पन्न

मिर्जापुर। 
राष्ट्रीय विज्ञान एवम प्रौद्योगिकि सन्चार परिषद भारत सरकार के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की पूर्वी उत्तर प्रदेश की राज्य समन्वयक संस्था विकास नैनी प्रयागराज द्वारा पहली रीजनल कार्यशाला का आयोजन बाल वैज्ञानिकों एवम उनके गाइड टीचर के लिए आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उदेश्य इस वर्ष की नवम्बर मे आयोजित ज़िला स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस एवम राज्य स्तरीय कांग्रेस मे बच्चे अपने लघु शोध पत्र मानक के अनुसार प्रस्तुत कर सके।
       इसमें विशेषज्ञ के रूप मे निरजन लाल अम्बेडकर नगर, डॉक्टर विजय कुमार अस्सिटेंट प्रोफ़ेसर जीव विज्ञान, डॉक्टर रतन कुमार आनंद कृषि वैज्ञानिक, डॉक्टर जय पी रॉय, डॉक्टर सत्येन्द्र कुमार सिंह राज्य समन्वयक, अमूल्य रत्न तिवारी पूरा बाल वैज्ञानिक रहे। डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उदेश्य वैज्ञानिक बिधि द्वारा समस्या का समाधान कराना है।    निरंजन लाल ने मुख्य विषय सतत जीवन के लिए विज्ञान की सब थीम पर स्थानीय लेवल पर ढेर सारे प्रोजेक्ट के बारे मे गाइड टीचर एवम बाल वैग्यनिको को जानकारी दी।   
                     
     डॉक्टर विजय कुमार ने प्रोजेक्ट के लघु शोध पत्र मे क्या क्या विशेष जानकारी देना महत्व पूर्ण है। डॉक्टर रतन कुमार आनंद ने सर्वे एवम प्रयोग के आधार पर ग्राफ निरुपन् एवम उसके एनालिसिस केबारे मे पावर पॉइंट के माध्यम से समझाया। पूरा बाल वैज्ञानिक अमूल रत्न तिवारी ने बाल विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम मे भाग लेने के लाभो के बारे मे जानकारी साझा की। इस कार्य क्रम मे 10 जिलों के 65 बाल वैज्ञानिक एवम गाइड टीचर ने प्रतिभागिता की। मिर्ज़ापुर से ज़िला संयोजक सुशील कुमार पांडे, सत्य नारायण प्रसाद, आर्यन प्रसाद, प्रिंस कुमार, इंदु, ओम सिंह एवम 30 बाल वैज्ञानिक एवम गाइड टीचर ने प्रतिभागिता की।
Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!