मा तुझे सलाम

भारत का इतिहास कम्युनिस्टों द्वारा लिखा गया है: डाॅ० राकेश उपाध्याय

केबीपीजी कालेज में आजादी के पचहतत्रवें वर्ष के उपलक्ष्य मे अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ
मिर्जापुर। 
शुक्रवार को सायं नगर के मुसफ्फरगंज स्थित केबीपीजी कालेज में आजादी के पचहतत्रवें वर्ष के उपलक्ष्य मे अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ सुधाकर उपाध्याय पूर्व प्राचार्य केबीपीजी कालेज ने किया, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में डॉ चेयर पर्सन भारत अध्ययन केंद्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय डाॅ0 राकेश उपाध्याय ने आजादी के नायकों के बारे में विस्तार से विचार रखा।
    डाॅ0 राकेश उपाध्याय ने कहा कि अमृत महोत्सव का कार्यक्रम भारत के स्वतंत्रता के 75 वां वर्ष होने पर पूरे देश में अपने आयोजित करके स्वतंत्रता की वेदी में अपने जीवन की आहुति देने वाले भारतीय वीरों को याद कर रहे हैं।
भारत का इतिहास कम्युनिस्टों द्वारा लिखा गया है। भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत है और पूनर्लेखन का कार्य सरकार कर रही है, जिसके लिए सरकार धन्यवाद का पात्र है। तमाम ऐसी भी हस्तियां रहीं, जिंहोने स्वतंत्रता आंदोलन में खुद को न्यौछावर कर दिया, लेकिन हमे हमारे इतिहास में उनके बारे में या तो बताया नहीं गया या ऐसे लोगो के बारे में बताया गया जो सच्चाई से दूर था, हमे उन्हें भी याद करना है, जिन्हे भुला देने का षड्यंत्र रचा गया।
उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति हमारे देश की अखंडता हेतु मजबूत सूत्र है, जो दिखाई नहीं देता परंतु अदृश्य होकर भी पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोए हुए हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाॅ0 सुधाकर उपाध्याय ने अमृत महोत्सव समिति का आह्वाहन करते हुए कहा कि यह स्वतंत्रता से स्वाधीनता की तरफ हमारे बढ़ते हुए हमारे कदम को और मजबूती प्रदान करने हेतु इस महोत्सव को हमे प्रत्येक गली मोहल्ले में मनाना होगा, जिससे देश के प्रत्येक व्यक्ति को हम एक संदेश दे सकें और देश को अपने वीरों का सम्मान देने एवं करने का सुंदर मौका मिल सके। डा0 सुधाकर ने स्नातक स्तर पर चल रहे शिवा बावनी को प्रतिबंधित किये जाने पर भी टीप्पणी की और कहा कि इसे प्रतिबंधित करना संकुचित मानसिकता का द्योतक रहा है, ऐसे पाठ्यक्रम पुनः शामिल होने चाहिए।
    महोत्सव की भव्यता देखने लायक रही। परिसर में चारो तरफ वीर स्वतंत्रता सेनानियों का चित्र लगा था, जो उपस्थित लोगों को प्रेरणा देने का कार्य कर रहा था। इन चित्रों के माध्यम से लोग अपने आजादी के रणबांकुरों को जान पहचान और समझ पा रहे थे तो वहीं मंच से मुख्य वक्ता ने अपने संबोधन इन सबके स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान से भी अवगत कराया।
     कार्यक्रम संयोजक भूपेंद जी, संतोष जी, मनोज श्रीवास्तव जी, अनिल सिंह जी, विवेक बरनवाल जी, राम मिलन जी, श्याम जी गुप्ता, रविशंकर साहू जी, श्यामसुंदर केशरी जी, डाॅ0 रवीश अग्रहरि जी, विमलेश अग्रहरि जी, नितिन गुप्ता जी, दीपक त्रिपाठी जी समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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