ज्ञान-विज्ञान

मौखिक प्रस्तुतिकरण से पहले स्क्रीनिंग में चयनित बाल वैज्ञानिको के प्रोजेक्ट में सुधार हेतु आयोजित हुई कार्यशाला

मिर्जापुर। 

पूर्वी उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की राज्य आयोजन समिति के द्वारा बाल वैज्ञानिको एवम उनके गाइड टीचर की कार्यशाला ऑन लाइन आयोजित की गई, जिसमें 37 जिले के 138 बाल वैज्ञानिको एवम गाइड टीचर ने प्रतिभागिता की।

राज्य समन्यवक डॉक्टर एस के सिंह ने कहा कि राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस में मौखिक प्रस्तुति करण से पहले विशेषग्यो द्वारा बताए गए सभी पॉइन्ट को अपने प्रोजेक्ट में समाहित करके अच्छे गुडवत्ता के प्रोजेक्ट प्रस्तुत करे तभी राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट चयनित हो सके।

राज्य एकेडमिक समन्यवक विजय कुमार ने कहा कि प्रोजेक्ट के कवर पेज पर फोकल थीम, सब थीम, टाइटल ऑफ प्रोजेक्ट, ग्रुप लीडर का नाम, मेंबर का नाम, जिले का नाम, गाइड टीचर का नाम, विद्यालय का नाम होना जरूरी है। साथ ही इसे सजाने की आवश्यकता नही है।

इस लघु शोध पत्र में कुल 20 पॉइंट पर सूचनाएं देनी है।सारांश महत्वपूर्ण है। सारांश में पूरे प्रोजेक्ट जानकारी जैसे आपने प्रोजेक्ट क्यों किया, समस्या क्या थी, समस्या स्थानीय होनी चाहिए, समस्या का समाधान हेतु कौन सी वैज्ञानिक विधि अपनायी गयी, आंकड़े क्या थे, उनके विश्लेषड से रिजल्ट क्या आया, इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ा।

जनपद से सिलेक्टेड वाल वैज्ञानिक ओनम सिंह, पार्थ शुक्ल, रितिक विश्वकर्मा तथा उनके गाइड जे पी मिश्र, सत्य नारायण प्रसाद, जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने प्रतिभगिता की।बाल वैज्ञानिको ने विशेषग्यो से अपने प्रोजेक्ट से प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर उन्हें दिया गया।

कार्यशाला में कलाम इनोवेशन लैब अहरौरा के नवप्रवर्तक एवम पूरा बाल वैज्ञानिक रोहित मौर्य ने तकनीकी मदद की। जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने सभी प्रतिभागी बाल वैज्ञानिको, गाइड टीचर्स का आभार व्यक्त किया।

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