स्वास्थ्य

2025 तक टीबी रोग को समाप्त करने चल रहा विशेष अभियान, रोगियों को गोद ले रहे समाजसेवी सामर्थ्यवान 

० जनपद में टीबी के 4100 मरीज
० डीटीओ डा० उपेंद्र नाथ सिंह बोले-85 से 90 फीसदी हो जाते हैं ढाई वर्ष में ठीक

मिर्जापुर।

देश के प्रधानमंत्री के 2025 तक ट्यूबर कयूलोसिस रोग को देश से समाप्त करने के सपने को साकार करने के संकल्प के साथ डिप्टी सीएमओ एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डा० उपेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर यदि इसको समाप्त करने के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे तो इस इस जानलेवा बीमारी पर विजय हम सभी अवश्य प्राप्त कर लेंगे।

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डिस्ट्रिक्ट को आरडिनेटर सतीश शंकर यादव के नेतृत्व में बेहतर देखभाल और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए विभाग के साथ साथ जनपद के विभिन्न क्षेत्रो में जनप्रतिनिधि मरीजों को गोद लेकर अच्छी जिममेदारी निर्वहन कर रहे हैं।

श्री सिंह गुरुवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में टीबी रोगियों की संख्या 4100 है। इसके रिकवर होने की अनुमानित अवधि ढाई साल है। कहाकि 2025 तक 80 प्रतिशत मरीजो को ठीक कर लेंगे। यदि दो टेस्ट सही आए, तो माना जाता है कि टीबी ठीक हो गयी। हालांकि ठीक होने के बाद भी एसटीएलएस इनके स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहते हैं और दिक्कत होने पर चेकिंग किया जाता है।

बताया कि टीबी फेफड़े के साथ साथ पूरे शरीर में कहीं भी हो सकता है। ट्यूबर कयूलोसिस के कारण बांझपन तक हो रहा है। अमूमन टीबी जिसे होता है, एड्स भी संभावित होता है। इसलिए दोनों टेस्ट कराने के साथ ही उपचार शुरु होता है। दोनों बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में भी लोग टीबी का उपचार करा रहे होते हैं। उन्हें सरकारी सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।

बताया कि विभाग प्राइवेट अस्पतालों के माध्यम से भी आंकड़े इकट्ठा कर टीबी उन्मूलन के संकल्प को साकार करने मे तत्पर है। जनपदवासी अपने आसपास किसी भी व्यक्ति को लक्षण से प्रभावित पाते हैं तो उसे तत्काल सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क उपलब्ध जांच व इलाज की सुविधा के साथ-साथ रोगी पाए जाने के स्थिति में सरकार द्वारा दिए जा रहे ₹500 प्रति माह लाभ दिलाने में सहयोगी बने।

वार्ता के दौरान जिला क्षय रोग विभाग की जिला कार्यक्रम समन्वयक संध्या गुप्ता ने बताया कि जिन व्यक्तियों की प्रतिरोधक क्षमता कम है वही कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इसलिए टीबी मरीजों में संक्रमण का खतरा दूसरे मरीजों से कई गुना ज्यादा होता है। टीबी मरीज बहुत जरूरत होने पर ही घर से निकले और मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करें।

टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति के एक बार खांसने पर लगभग 25 से 30 हजार टीबी बैक्टीरिया को हवा में छोड़ने का काम करते हैं। इस स्थिति में वह यदि कोरोना की चपेट में आ जायेगा तो वह व्यक्ति संक्रमण को बड़े पैमाने पर फैलाने काम कर सकता है। ऐसी स्थिति में चाहे वह टीबी का रोगी हो या कोरोना से ग्रसित हो दोनों ही स्थिति में संक्रमण को रोकने के लिए मास्क पहनना आवश्यक है।

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