० सेंट्रल टीबी डिवीजन ने कब साउंड ऐप नामक नए तकनीकी की ईजाद
मिर्जापुर।
क्षय रोग (टीबी) विभाग द्वारा अभी तक टीबी से प्रभावित मरीजों की पहचान मुख्य रूप से उनके बलगम की जांच, एक्सरे तथा सीबी नाट मशीन द्वारा की जाती रही है। लेकिन अब सेंट्रल टीबी डिवीजन द्वारा कफ साउंड ऐप नामक एक नए तकनीकी का प्रयोग करते हुए पीड़ितों को उनके आवाज से पहचानने का प्रयास करने जा रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ यू एन सिंह द्वारा इस नए प्रयोग के संदर्भ में बताया गया कि ऐप के तहत पूरे देश से 21000 सैंपल शोध हेतु लिए जाने हैं, जिनमें जनपद मिर्जापुर से 68 टीबी मरीजों को चिन्हित करने को निर्देशित किया गया है। डॉ सिंह ने बताया कि इस ऐप के तहत वह मरीज शामिल किए गए हैं जो 1 दिन भी दवा नहीं खाए हैं, उन्होंने बताया कि इस एप के दौरान सबसे पहले मरीज की क्षय आईडी, टीबी के लक्षण, इसके बाद 4 तरह से मरीज की आवाज टीबी कर्मचारियों द्वारा मोबाइल से 3 फीट की दूरी से रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिनमें एक से 10 तक गिनती, खांसी की आवाज, रुक-रुक कर तीन बार अ– अ— ई —ई —ओ— ओ, इसके बाद बैकग्राउंड आवाज के साथ साथ साइलेंट माहौल की आवाज रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिसका पूरा डाटा नई दिल्ली केंद्रीय टीबी डिवीजन में अध्ययन हेतु भेजा जा रहा है। डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव द्वारा कहां गया कि इस सर्वे के तहत गोपनीयता को विशेष वरीयता देते हुए जिन मरीजों की आवाज रिकॉर्ड की जा रही है, उनके नाम पते गोपनीय रखे जाएंगे।