विधानसभा चुनाव 2022

मड़िहान: बदलती बयार बीच दांव पर लगी ऊर्जा राज्यमंत्री की प्रतिष्ठा 

0 तृणमूल कांग्रेस नेता एवं पूर्व स्थानीय विधायक की चुनावी चहलकदमी ने बढ़ाई दिलों की धड़कन
0 त्रिकोणीय संघर्ष के बीच कड़े मकाबले के आसार 
मिर्जापुर। 
ज़िले के मड़िहान विधानसभा में बदलती बयार के बीच प्रदेश सरकार के ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। तृणमूल कांग्रेस नेता एवं पूर्व स्थानीय विधायक ललितेशपति त्रिपाठी की चुनावी चहलकदमी औऱ त्रिपाठी परिवार के अपना दल कमेंरावादी प्रत्याशी अवधेश सिंह उर्फ पप्पू पटेल के समर्थन में आ जाने से लोगों के दिलों की धड़कन बढ गयी है। बहरहाल बदलती फ़िजा के बाबजूद त्रिकोणीय संघर्ष के बीच कड़ी मकाबले के आसार बताये जा रहे हैं।
       इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे ललितेश पति त्रिपाठी पार्टी छोड़कर अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, जिसका सपा से गठबंधन है। पहले यहां से गठबंधन प्रत्याशी के रूप मे अवधेश सिंह पप्पू पटेल ने नामांकन किया  लेकिन उनके बाद अचानक समाजवादी पार्टी से रवीन्द्र बहादुर सिंह ने भी नामांकन कर दिया। हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता पप्पू पटेल को गठबंधन प्रत्याशी नहीं मान रहे हैं और पप्पू पटेल द्वारा सपा के झंडे लगाकर चुनाव प्रचार करने का विरोध भी कर रहे हैं। वही पप्पू पटेल कहते हैं कि हमने गठबंधन प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था, लेकिन कुछ लोगों द्वारा मेरे साथ धोखा किया गया है। इस धोखे का जवाब जनता देगी।
     वर्ष 2017 के चुनाव में सेकंड फाइटर रहे वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी अपना दल कमेंरावादी प्रत्याशी अवधेश सिंह उर्फ पप्पू पटेल के समर्थन में आ गए हैं। ललितेश पति त्रिपाठी परिवार के आ जाने से पप्पू पटेल खुद को काफी मजबूत आंक रहे हैं, तो वही मड़िहान विधानसभा सीट से विधायक एवं उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल का दावा है कि उनके कार्यकाल में विकास हुआ है। विकास कार्यों के दम पर ही उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा है। वही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र कुशवाहा अपने सांसद के कार्यकाल के समय विंध्याचल मंडल एवं मड़िहान तहसील की स्थापना आदि कार्यों की दुहाई दे रहे है। ऐसे में मड़िहान विधानसभा की चुनावी फ़िजा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष के बीच ऊर्जा राज्यमंत्री की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। इस विधानसभा सीट के लिए यूपी चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 7 मार्च को मतदान होना है। अब तो इसी दिन जनता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इवीएम मशीन का बटन दबाकर करेगी।
2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया, 2012 में पहली बार विधायक बने ललितेश
मड़िहान विधानसभा सीट का चुनावी अतीत देखे तो वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह अस्तित्व में आई। इस सीट के लिए वर्ष 2012 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। पहले विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली थी। कांग्रेस के टिकट पर स्वर्गीय पंडित कमला पति त्रिपाठी के परिवार के पंडित ललितेश पति त्रिपाठी जीते थे। ललितेश ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सत्येंद्र कुमार पटेल को हराया था। 2017 का जनादेश देखे तो मड़िहान विधानसभा सीट से वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने निवर्तमान विधायक ललितेश पति त्रिपाठी पर ही दांव लगाया, बीजेपी ने रमाशंकर सिंह पटेल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अवधेश कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जिसमें चुनावी बाजी बीजेपी उम्मीदवार के हाथ लगी थी। उस समय बीजेपी के रमाशंकर सिंह पटेल कांग्रेस के ललितेशपति त्रिपाठी को 46 हजार 598 वोट से हरा दिया था, जबकि बसपा के अवधेश तीसरे स्थान पर रहे थे।
यह है जातीय समीकरण 
मड़िहान विधानसभा सीट के सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो यहां कुल मतदाता 366161 हैं, जिनमें पुरुष वोटर 191730 और महिला वोटर 174417 हैं, जबकि अन्य 14 मतदाता हैं। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मड़िहान विधानसभा क्षेत्र में एक अनुमान के मुताबिक सबसे अधिक पटेल मतदाता हैं, आदिवासी, दलित, मौर्य और ब्राह्मण मतदाता भी मड़िहान विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यहां यादव, मुस्लिम, सोनकर, पाल और राजपूत बिरादरी के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं।
ये हैं प्रमुख दलों के प्रत्याशी
भाजपा- रमाशंकर सिंह पटेल
अपना दल कमेंरावादी- अवधेश सिंह उर्फ पप्पू पटेल
बसपा- नरेंद्र सिंह कुशवाहा
सपा- रवींद्र बहादुर सिंह पटेल
कांग्रेस- गीता कोल
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