अहरौरा (मिर्जापुर)।
रविवार को शिवमंदिर करहट (जादवपुर) में किसानो का पंचायत हुआ। पंचायत के अध्यक्षता रामवृक्ष चौहान और संचालन वीरेंद्र सिंह जिला महासचिव ने किया। किसानों के पंचायत बैठक में समस्याओं पर चर्चा की, जिसमें गेहूं खरीद के लिए अधिक से अधिक क्रय केंद्र खोले जाएं और सहकारी समितियों पर पीसीएफ के केंद्र खोलने की वरीयता दी जाय।
रेलवे द्वारा किए जा रहे कार्य के दौरान गाड़ियों के आने जाने से रेलवे के किनारे किनारे किसानों की फसलों पर काफी धूल व मिट्टी जम गया है जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और कटाई बाधित हो रहा हैं। डीएफसीसी के द्वारा बनाए गए रास्ते पर पानी का छिड़काव करवाया जाए, जिससे धूल ना उड़े। रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण से संबंधित किसानों को भुमि का मुआवजा व फसल का मुआवजा लेने के लिए पेपर के सत्यापन व हिस्सा कसी के नाम पर तहसील कर्मियों के द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा हैं, इसको रोका जाय।
वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर महाविद्यालय के सामने वनस्थली महाविद्यालय के सामने अहरौरा में SH 5 पर नवनिर्मित टोल गेट हटाया जाए। क्यों की सड़क निर्माण के समय DPR मे कोई टोल गेट का जिक्र नहीं था, जबकी लगभग 16 किलोमीटर पर फत्तेपुर मे टोल बना हैं, इसका सीधा असर क्षेत्र के पर्यटन स्थल पर व क्षेत्रीय जनता के ऊपर पड़ रहा हैं। इससे लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही हैं। रेलवे अधिग्रहण से संबंधित किसानों को इजीमेंट (सुखाधिकार भुगतान) व पुनर्वास का पैसा दिलाया जाए।
कुंडाडीह मौजा मे गोपालापुर माइनर से लक्ष्मीनिया नाला जमालपुर मु बरईपुर तक पानी निकासी के लिए रेलवे के किनारे से नाली की व्यवस्था बनाया जाए। इस वर्ष खरीदे गए किसानों के धान का बकाया भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए। पुरातन शिव मंदिर जादवपुर (करहट) के पास से जा रही रेल लाइन को पिलर के ऊपर से ले जाया जाय, जिससे मंदिर बरकरार रहे।
इस पंचायत बैठक में प्रदेश सचिव सिद्धनाथ सिंह, प्रहलाद सिंह, जिलाध्यक्ष कंचन सिंह फौजी, जिला उपाध्यक्ष अवधेश सिंह, मंडल अध्यक्ष अनिल सिंह, युवा जिला अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह, जिला कोषाध्यक्ष स्वामी दयाल सिंह, जिला सचिव पंचम सिंह, राम सिंगार सिंह, तहसील अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ,भोला नाथ गिरी, महिला मोर्चा अध्यक्ष सावित्री देवी ललन सिंह ल, लक्ष्मण सिंह राम सूरत सिंह, अजय सिंह, कैलाश नाथ, सुनील सिंह, प्रमोद सिंह कृष्ण मुरारी सिंह, विजय विश्वकर्मा, तेतरा देवी, बदामा देवी, चंद्रहास सिंह, अरुणसिंह, सुखई राम के साथ सैकड़ो किसान मौजूद रहे।