मिर्जापुर।
कन्हैयालाल बसंतलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को प्राचार्य डॉ अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव मनाया गया। महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्र छात्राओं ने स्वरस्वती व भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान आजादी की लड़ाई के नायकोें को याद किया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्र छात्राओं ने देश को आजाद कराने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन किया। वंदेमातरम तथा राष्ट्र गान गाकर उनके दिखाएं गए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा की। महोत्सव के कार्यक्रम में गीत, निबन्ध, कविता, चित्रकारी प्रतियोगिता व परिसर में तिरंगा रैली का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च, 2021 को शुरू होती है, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75 सप्ताह की उलटी गिनती शुरू करती है और 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी। प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च, 2021 को साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से ‘दांडी मार्च’ को हरी झंडी दिखाकर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का उद्घाटन किया था। यह समारोह स्वतंत्रता की हमारी 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पहले शुरू हुआ और 15 अगस्त, 2023 को समाप्त होगा।
शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ रमेशचंद्र ओझा ने कहा कि गुलामी की बेड़ियों से देश को स्वतंत्र कराने की लड़ाई कब शुरू हुई बताना कठिन है, लेकिन गोस्वामी तुलसीदास ने जब ‘पराधीन सपनेहुं सुख नाहीं’ का उद्घोष किया तो उनके मानस में देश को स्वतंत्र कराने की ही कामना रही होगी। उन जैसे संतों ने ही हमारे अंदर स्वाभिमान की चिंगारी पैदा की, जो आगे चलकर स्वतंत्रता व स्वराज की मशाल बनकर उभरी और 1947 में हमने आजादी प्राप्त की जिसे हम आज आज़ादी का महत्सव के तौर पर मना रहे है।
डॉ मकरन्द जायसवाल ने कहा कि स्वाभिमान और स्वतंत्रता के बाद अब देश स्वावलंबन के रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर शुरू हुआ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ स्वावलंबन की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे भारत सरकार ने 15 अगस्त 2023 तक मनाने का निर्णय किया है।
कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ अर्चना पांडेय, डॉ कुलदीप पांडेय सहित संयोजक डॉ रतनेश मिश्र, डॉ अशोक कुमार पांडेय, डॉ रामदास, डॉ पीयूष द्विवेदी, डॉ सुनील कुमार डॉ के एम दुबे, डॉ धनञ्जय सिंह आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ नम्रता मिश्रा के द्वारा किया गया।