0 इस परिचयात्मक बैठक में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रवाद, सुरक्षा, सुशासन एवं विकास पर विश्वास जताने के लिए प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया
0 जनसेवा से बढ़कर कोई और पुण्य का कार्य नहीं, दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से आत्मिक सन्तुष्टि मिलती है: मुख्यमंत्री
0 सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण
0 कार्याें को नीति एवं नियमों के अन्तर्गत सम्पादित किए जाने पर बल
0 जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रिगण का जनता के साथ प्रभावी सम्पर्क और संवाद होना चाहिए
0 मंत्रिगण प्रभारी मंत्री के रूप में प्रत्येक माह जनपद में जाएं, इस दौरान विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इनके सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करें
0 मंत्रिगण द्वारा सादगी और शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसेवा से बढ़कर कोई और पुण्य का कार्य नहीं है। दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से आत्मिक सन्तुष्टि मिलती है। मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है। इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए प्रदेश के विकास और जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरन्तर प्रयासरत रहना होगा।
मुख्यमंत्री शुक्रवार यहां लोक भवन में मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ पहली बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस परिचयात्मक बैठक में उन्होंने राष्ट्रवाद, सुरक्षा, सुशासन एवं विकास पर विश्वास जताने के लिए प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य की प्रगति और समृद्धि में योगदान करने के लिए विगत राज्य सरकार के मंत्रिगण के प्रति भी आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कार्याें को नीति एवं नियमों के अन्तर्गत सम्पादित किए जाने पर बल देते हुए कहा कि फाइलों का निस्तारण समयबद्धता के साथ किया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में पत्रावलियां लम्बित नहीं रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिगण समय से अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्यों का सम्पादन करें। परफॉर्मेंस बेस्ड कार्यों पर फोकस हो। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग का कार्य बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ होना चाहिए। उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर पद्धति को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि शासन की स्थानान्तरण नीति के अनुरूप ही ट्रांसफर होने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रिगण का जनता के साथ प्रभावी सम्पर्क और संवाद होना चाहिए। जनता की शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जनसुनवाई की जाए। प्रभारी मंत्री के रूप में प्रत्येक माह जनपद में जाएं। इस दौरान विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इनके सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त करें। जनपद प्रवास के दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रियों के कार्य व्यवहार और आचरण पर सभी की दृष्टि रहती है। ऐसी स्थिति में आप सभी मंत्रिगण द्वारा सादगी और शुचिता का उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए। मंत्रिगण के सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों एवं कार्याें में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार मंत्रिगण अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्यपाल के साथ मंत्रिमण्डल की बैठक प्रस्तावित की जाए। प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आई0आई0एम0, लखनऊ में मंत्रिमण्डल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाए।
बैठक में केशव मौर्या डिप्टी सीएम, ब्रजेश पाठक डिप्टी सीएम, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सुरेश खन्ना, स्वतंत्रदेव सिंह,
बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, ठाकुर जयवीर सिंह,
धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल नंदी, भूपेंद्र चौधरी, अनिल राजभर,
जितिन प्रसाद, एके शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, राकेश सचान,
आशीष पटेल, संजय निषाद एवं राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार
नितिन अग्रवाल, कपिलदेव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल,
संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश यादव, धर्मवीर प्रजापति,
असीम अरुण, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह,
नरेंद्र कश्यप, डॉ.अरुण कुमार सक्सेना, दिनेश सिंह,
दयाशंकर मिश्र, राज्यमंत्री मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गौड़, बलदेव, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय सिंह गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान,
प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरू, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा,
दानिश आजाद अंसारी, विजय लक्ष्मी गौतम उपस्थित रहे।