अदालत

एनडीपीएस के मुक़दमे में 15 साल बाद अभियुक्त को मिली तीन साल की कैद व 20 हज़ार जुर्माने की सजा

मिर्जापुर।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित प्रथम मिर्जापुर वायु नंदन मिश्रा की अदालत ने वर्ष 2008 में एनडीपीएस के एक मामले में अभियुक्त को 3 वर्ष के कारावास एवं ₹ 20 हजार जुर्माना की सजा मुकर्रर की है। मुकदमा अपराध संख्या-580/ 2008 अन्तर्गत धारा-8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट थाना पडरी
द्वारा राज्य बनाम कैलाश पुत्र स्व० राम खेलावन निवासी ग्राम फिरतारतारा थाना कोतवाली देहात मीरजापुर के मुकदमे में यह फैसला दिया गया है। फैसला देते वक्त विद्वान न्यायाधीश ने अभियुक्त के वर्तमान परिवेश और परिस्थितियों का भी ध्यान रखा है।

अभियोजन के अनुसार बादी मुकदमा सत्येन्द्र कुमार थानाध्यक्ष थाना पडरी मय हमराह दिनांक 17 सितंबर 2008 को मय सरकारी वाहन थाने से रवाना होकर वास्ते चेकिंग होटल संदिग्ध व्यक्ति व वाहन व गश्त करते हुये इमरती गांव में रोड पर गश्त करते हुये एस.आई जय नरायन सिंह प्रभारी चौकी पैडापुर व का सत्य यादव मिले, जिन्हें समय करीब 20:10 बजे हमराह लिया गया और रामनगर सिकरी का गश्त करते हुये रानी चौकिया की ओर आ रहे थे कि जैसे ही बंगला चौकिया के सामने चौराह की पुलिया के पास आये कि एक व्यक्ति बंगला चौकिया की ओर से पुल पार करते हुये गढ़इया नाला की ओर जाने वाली सड़क पर चढ़ा जो अपने दाहिने हाथ में एक प्लास्टिक का थैला लिए हुए था।

शुक्रवार को पत्रावली पर सुनवाई हेतु न्यायाधीश के समक्ष पेश हुई। अभियुक्त कैलाश उपस्थित आया। उसे न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। दण्ड के बिन्दु पर उभयपक्ष को सुना गया। अभियोजन की तरफ से बहस करते हुये विद्वान विशेष लोक अभियोजक (शासकीय अधिवक्ता) मनोरमा चौधरी द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त द्वरा गंभीर अपराध कारित किया गया है। यह ऐसा अपराध है, जिसका समाज पर एक व्यापक दुष्प्रभाव पड़ता है। इस आधार पर अभियोजन की तरफ से अभियुक्त को कठोर से कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने की याचना की गयी।

इसके विपरीत अभियुक्त की तरफ से विद्वान अधिवक्ता द्वारा बहस करते हुये यह कहा गया कि अभियुक्त गरीब, वृद्ध एवं विकलांग है। वह चलने फिरने में पूरी तरह से असमर्थ है। इस कारण न तो वह कोई रोजी रोजगार करता है और न ही उसके पास ऐसी कोई पैतृक सम्पदा है, जिससे उसका जीवन चल सके। बच्चों पर निर्भर है। गरीबी के कारण उसका सही ढंग से इलाज भी नहीं हो पा रहा है। इन्हीं आधारों पर अभियुक्त को कम से कम दण्ड से दण्डित किये जाने की याचना की गयी।

पत्रावली के अवलोकन से पाया गया है कि उपस्थित अभियुक्त न्यायालय के समक्ष बगैर किसी सहारे के चलने फिरने में असमर्थ है। न्यायाधीश द्वारा मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये अभियुक्त कैलाश को धारा 8 सपठित धारा 20 एन.डी.पी.एस. एक्ट के अपराध के आरोप में तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं मु०-20,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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