मड़िहान, मिर्जापुर।
मड़िहान कस्बा निवासी विजेंद्र मोदनवाल की दूसरी पत्नी कुसुम ने परिवार न्यायालय में भरण पोषण भत्ते के लिए वाद दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने दोनों पक्षो की बात सुनने के बाद कुसुम व उसके बच्चों के भरण पोषण के लिए क़िस्त वाइज धनराशि देने के प्रतिबंधित किया था, लेकिन विजेंद्र मोदनवाल द्वारा भरण पोषण भत्ता नही दिया जा रहा था। जिस पर पत्नी कुसुम परिवार न्यायालय पंहुचकर न्यायाधीश से गुहार लगायी।
न्यायालय द्वारा धनराशि की वसूली के लिए कई बार तहसील व थाने को पत्र प्रेषित किया, लेकिन दोनों विभागों द्वारा कोई रुचि नही ली गयी। इसके बाद न्यायालय से रिकबरी वारंट के साथ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया, फिर भी न तो गिरफ्तारी की गई न ही भरण पोषण भत्ते की वसूली की गई। जिस पर न्यायालय ने कड़े तेवर दिखाते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल तहसीदार स्तर के अधिकारी को भेजकर विजेंद्र मोदनवाल की चल संपत्ति कुर्क करने के साथ एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी।
इस पर गुरुवार की सुबह भारी मात्रा में फोर्स लेकर राजस्वकर्मी बाजार स्थित विजेंदर के घर कुर्क करने के लिए पंहुचे, लेकिन इसी बीच पता चला कि विजेन्द्र ने अपनी पहली पत्नी की पुत्री को उक्त मकान विक्रय कर दिया है, जिस पर बगैर कार्यवाई किये राजस्व टीम को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा।