डीआईजी ने परिक्षेत्र के तीनों जनपदों के महिला सम्मान प्रकोष्ठ/ महिला सहायता प्रकोष्ठ/परिवार परामर्श केंद्र के कार्यों की समीक्षा कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश
0 जनपद स्तर पर महिला संबंधित संगीन अपराधों का डाटा एंट्री का पर्यवेक्षण एवं मीटिंग न किए जाने को लेकर व्यक्त की गई नाराजगी
मिर्जापुर।
सोमवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक विंध्याचल परिक्षेत्र मिर्जापुर “रामकृष्ण भारद्वाज “द्वारा परिक्षेत्र के तीनों जनपदों के महिला सम्मान प्रकोष्ठ/महिला सहायता प्रकोष्ठ/परिवार परामर्श केंद्र के कार्यों की समीक्षा की गयी।
समीक्षोपरांत पाया गया कि उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष नियमावली के अधीन प्रदत्त सुविधाएं आर्थिक सहायता से संबंधित प्रकरण वर्ष 2015 से लंबित है। जनपद मिर्जापुर में कुल 93 प्रकरण लंबित है, जिनमें मेडिकल स्तर पर 66 प्रकरण जिला कमेटी स्तर पर 19 प्रकरण लंबित है। जिनमें सबसे पुराना वर्ष 2015 से संबंधित है।
इसी प्रकार जनपद सोनभद्र के कुल 193 मामले लंबित है जिनमें मेडिकल स्तर पर, 78 जिला कमेटी स्तर पर 26 लंबित है, 20 मामलों में आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिसमें सबसे पुराना वर्ष 2015 से संबंधित है, इसके अतिरिक्त जनपद भदोही में मेडिकल स्तर पर 73 लंबित होना दर्शाया गया है।
उक्त के संबंध मीटिंग के दौरान ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वार्ता किया गया, और लंबित प्रकरणों के निस्तारण कराने के लिए कहा गया । समीक्षा बैठक में उपस्थित प्रभारी महिला सहायता प्रकोष्ठ /महिला सम्मान कोष को निर्देशित किया गया कि मेडिकल स्तर पर लंबित सूची के साथ जिला चिकित्साधिकारी से संपर्क स्थापित कर लंबित आर्थिक सहायता प्रकरणों का तत्काल निस्तारण सुनिश्चित कराएं तथा इस संबंध में संबंधित विभागों से जनपदीय पुलिस अधीक्षक के माध्यम से पत्राचार भी सुनिश्चित कराएं।
समीक्षा बैठक में प्रभारियों द्वारा अवगत कराया गया कि जिला कमेटी की अंतिम बैठक जनपद मिर्जापुर में 03.09. 2021 को, जनपद भदोही में 26.05. 2022 को, सोनभद्र में वर्ष 2020 में संपन्न कराई गई है। इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई तथा निर्देशित किया गया संबंधित प्रभारी, पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाकर जिला कमेटी बैठक के संबंध में तिथि निर्धारित कर लंबित प्रकरणों को कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर उसका निराकरण सुनिश्चित कराएं।
जनपद द्वारा महिला आर्थिक सहायता से संबंधित जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं यह काफी कम है और विश्वसनीय प्रतीत नहीं होता है इस संबंध में निर्देशित किया गया कि सीसीटीएनएस पोर्टल पर जाकर वहां उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इसकी समीक्षा कर प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें साथ ही साथ जनपद पुलिस अधीक्षकगण से अपेक्षा की गई की उनके जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारीगण कि की जाने वाली प्रत्येक माह की समीक्षा में महिला सहायता प्रकोष्ठ/ सम्मान प्रकोष्ठ को सम्मिलित कर समीक्षा की जाए।
महिला उत्पीड़न के सभी मामले जिसमे आर्थिक सहायता प्राप्त होना है। पंजीकृत सभी मुकदमे चाहे वह धारा-156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत ही क्यों न पंजीकृत किए गए हो, वह भी आर्थिक सहायता हेतु संबंधित को प्रस्ताव भेजा जाए।
प्रमुख निर्देश-
प्रकोष्ठ द्वारा महिलाओं की सभी शिकायतों, सूचनाओं आदि के पंजीकरण, पंजीकृत अभियोगो एवं जिले में हुई संगीन घटनाओं में की जा रही विवेचनात्मक कार्यवाहियों आदि का सतत अनुश्रवण कर प्रभावी एवं समयबद्ध कार्यवाही करें।
महिला सम्मान प्रकोष्ठ को भा0द0वि0 के अन्तर्गत महिलाओं के विरुद्ध घटित अपराध की धाराओं, प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल आफेन्सेस एक्ट (पाक्सो) , जूवेनाइल जस्टिस एक्ट, प्रिवेंशन आफ इमौरल एक्ट ट्रैफिकिंग एक्ट, सेक्सुअल हेरासमेन्ट एट वर्क प्लेस एक्ट, प्रोटेक्शन आफ वूमेन फ्राम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट, डाॅवरी प्रोहिबीशन एक्ट के अन्तर्गत प्रदेश में रेलवे सहित घटित अपराधों का अनुश्रवण एवं प्रगति आंकलन किया जाए।
दहेज मृत्यु, बलात्कार, अपहृत महिला एवं बच्चों के एस0आर0केसेज के अनुश्रवण एवं प्रगति का प्रभावी आंकलन भी इस प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी होगी। पुलिस विभाग की वेबसाइट पर महिला उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों को अभिलिखित करते हुए प्रभावी निस्तारण की कार्यवाही समयबद्ध कराई जाए।
प्रत्येक जनपद में स्थापित वैवाहिक विवादों में मध्यस्थता हेतु उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं के अनुश्रवण का कार्य भी महिला प्रकोष्ठ द्वारा किया जा रहा है। महिलाओं संबंधी घटनाओं मे प्रभावी विधिक कार्यवाही तथा पीडि़त महिलाओं को मुआवजा सुनिश्चित कराने हेतु एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में किसी भी योजनान्तर्गत मुआवजा दिलाने की कार्यवाही की जाय।
सभी पुलिस प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि विशेष अपराध के साथ महिला संबंधी संगीन अपराधों (Heinous Offences) की डाटा फीडिग समयबद्ध रूप से हीनियस क्राइम मानीटरिंग सिस्टम में करायेंगे। महिलाओं के विरूद्ध इन गंभीर अपराधों के संबंध मे डाटा इन्ट्री का कार्य शीघ्रतिशीघ्र करते हुए कृत कार्यवाही प्राथमिकता पर अपलोड करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाए। बैठक के दौरान परिक्षेत्र के महिला सम्मान प्रकोष्ठ/ परिवार परामर्श केंद्र के समस्त अधिकारी, कर्मचारीगण मौजूद रहे।